डॉक्टर सुधीर सिंह
‘कोरोना’ के कारण तबाही-ही-तबाही है,
गाँव से शहर तक बेरोजगारी बढ़ गई है.
गंभीर चुनौती है गरीबों के लिए रोजगार,
विकास की सारी योजनाएं कुहर रही है.
असंभव को संभव करने वाला कामगार,
भुखमरी के कगार पर खड़ा दिख रहा है.
विकास के कार्य में जुटे मजदूरों के लिए,
अपना पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है.
क्ष्रमिकों केआगे रोजी-रोटी का सवाल है,
पलायन करने से उनको रोकना ही होगा.
मेहनत-मजदूरी करनेवालों के लिए शीघ्र,
आय का पुख्ता इंतजाम करना ही होगा.
करोड़ों कामगारों के हाथ में है काम नहीं,
राष्ट्र का विकास-कार्य बिल्कुल ही ठप है,
‘लॉकडाउन’ को शर्तों के साथ जारी रख,
भारत को समृद्ध बनाना सबों का फर्ज है.