कोरोना, तुम पर हम भारी हैं….
ज़ंग अभी जारी है, आई ये महामारी है
घबराओ नहीं, अपनी भी पूरी तैयारी है
थोड़ी सावधानी, सबकी जिम्मेदारी है
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी है..।
” वसुधैव कुटुम्बकम ” के हम पुजारी
सतत करते हम जिसकी पहरेदारी
हम हितकारी उपकारी कल्याणकारी हैं
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी हैं..।
“घरों में क़ैद”, जाने “खुद की वफ़ादारी”
नहीं कोई मज़बूरी, नहीं कोई लाचारी
आज यही मानवता के लिए हितकारी है
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी हैं..।
है अपनी गाँधी, बुद्ध से रिस्तेदारी
हम ठहरे राम कृष्ण ब्रह्मा के पुजारी
शाश्वत, शांत, सब के मंगलकारी है
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी हैं….।
बहुत हुआ तांडव तेरा , ये महामारी
थम जा , रहने दे आँगन की किलकारी
कहता है ‘अजय’ तुमसे, हम डरते नहीं
यहाँ हर घर में है , एक अर्जुन धनुर्धारी
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी हैं….।।
ये.. ये कोरोना! तुम पर हम भारी हैं…..।।
…. अजय मुस्कान
जमशेदपुर, झारखंड