आदर्श
छात्र ने कहा-आचार्य
महासमर के लिए आदर्श स्थिति कहो
वे हंसकर बोले’- आखों पर पटटी-/ बुद्धि पर पर्दा
और सेनापति – धृतराष्ट्र हो
ठाठ
धोबी के कुत्तों के
न तो – घर –घाट
फिर भी – अलग ही ठाठ
नमक
आमलेट खाने लगे … स्वाद बिगड़ गया
पत्नी पर चिल्लाये … घर में नमक नहीं क्या ?
गुस्से से पांव पटकते हुए पत्नी –
जले पर नमक छिड़कती है
”आप ही तो कह रहे थे … आपको
हरेक मुर्गी – काफी नमकीन लगती है
मिलावट
शराब छलकाती आखों में
अश्रु छलके / तो उन्होंने पोंछे
बोले – शराब नमकीन हो जाती है
इन्हें – तो रोके