एक बार फिर पुकारा तुमको
भगत सिंह फिर आ जाओ।
मिली कहां है आजादी फिर से आजादी दिला जाओ।।
पल-पल छलता सच यहाँ झूठ की खेती हरी-भरी।
रंग केसरिया चुनर भारत मां को फिर से ओढ़ा जाओ।।
एक बार फिर पुकारा तुमको भगत सिंह फिर आ जाओ
हर राखी पर रोती बहना तुम जैसा कोई भाई नहीं।
अपनी बहना को इज्जत की सांसे भाई दिला जाओ।।
एक बार फिर पुकारा तुमको भगत सिंह फिर आ जाओ
यह धरती अंबर तुम्हें ढूंढते, आओ तुम।
माई रंग दे बसंती चोला ऐसा गीत सुना जाओ।।
एक बार फिर पुकारा तुमको भगत सिंह फिर आ जाओ
हर ओर जय हिंद जय हिंद जय हिंद गूंज उठे।
अपने हाथों से सच्चाई का तिरंगा आकर लहराओ।।
एक बार फिर पुकारा तुमको भगत सिंह तुम आ जाओ।
नमिता सिंह जाट नरसिंहपुर