Doctor Sudhir Singh
भयभीत ‘कोरोना’ इंसान से कहता है,
तेरे दृढ़-संकल्प के आगे ‘मैं’ हार गया.
अनोखा ही संयम और प्रबंधन है तेरा,
बोरिया-बिस्तर मुझे समेटना पड़ गया.
सामाजिक-दूरी व लॉकडाउन केआगे,
संक्रमण काआक्रमण नाकाम हो गया.
गजब का धैर्य और एकता है तेरे पास,
हमारा सब मनसूबा मिट्टी में मिल गया.
अब इस दुनिया से ही विदा हो रहा हूँ,
‘सामूहिक-शक्ति’ को नमन कर रहा हूँ.
किंतु सदा सावधान ही रहना रे मानव!
तेरी लापरवाही अच्छी तरह जानता हूँ.
मानव के जीवन से सावधानी हटते ही,
इंसान को जकड़ने मैं पुन:चला आउंगा.
इसीलिए संयमित रहने की चेतावनी है,
जागरुक आदमी से ‘मैं’ हमेशा दूर रहूंगा.