में दूर दृष्टि धारक संजय,
आंखों देखा हाल बताया,
धृतराष्ट्र के , कुल के काल को
मैं भी ना बदल पाया ।
पांचाली की हंसी ,
धृतराष्ट्र की चुप्पी,
शकुनि के पाशो ने
सारा महाभारत करवाया ।
पति प्रेम में गांधारी ने भी
धृतराष्ट्र का साथ दिया
दुर्योधन के सिंहासन के खातिर
अपने कुल का विनाश किया ।
द्रापर हुआ रक्त – रंजिश
छल कपट का खेल हुआ।
कृष्ण के सुदर्शन से
महाभारत का अंत हुआ।
मैं दूर दृष्टि धारक संजय
मेरी कला का ना सम्मान हुआ
धृतराष्ट्र की जिद में
महाभारत युद्ध हुआ ।
कमल राठौर साहिल श्योपुर मध्य प्रदेश