राजनीति ने हमको सरहद की लकीरों में बांटा,
हिंसा के जानवरों ने हमको बुरी तरह काटा,
आज के हैवानों ने आदर्शों के मुंह पर मारा चांटा,
बापू आपकी कमी कोई नहीं कर सकता है पूरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
तोड़ा आपने हमेशा जाति का बंधन,
इश्वर एक है तुम करो उसका वंदन,
आपने लगाया हर इंसान को प्यार का चंदन,
आप ही ने मिटाई इंसानों के बीच की दूरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
आप के कारण टूटा अंग्रेजों का अभिमान,
आप ही ने दिलाई स्वदेशी को पहचान,
आप ही ने जगाया लोगों का स्वाभिमान,
आपसे ही अंग्रेजों को देश छोड़ने की हुई मजबूरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
अहिंसा का रास्ता आपने हमको दिखाया,
आपके दृढ़ विश्वास के आगे अंग्रेज भी घबराया,
आपके कारण हमने भारत को आजाद कराया,
आप ही के कारण दूर हुई हिंसा जैसी कमजोरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
आज फिर जाग उठा है सांप्रदायिकता का हैवान,
आज फिर बैठा है मानवता के शव पर शैतान,
आज फिर हिंसा की फसल काट रहा है इंसान,
तोड़नी पड़ेगी आपको ही बुराइयों की तिजोरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
आपने ही फैलाई एकता की अमृतधारा,
आप ही ने बांधा एक सूत्र में देश सारा,
आप ही है आज भी देशवासियों का सहारा,
आपके बिना हर सदी है अधूरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी।
आपने ही सिखाई ईश्वर अल्लाह की बंदगी,
आप ही ने दूर की छुआछूत नामक गंदगी,
आप ही के कारण खुशहाल हुई हमारी जिंदगी,
आपके अहिंसा के मंत्र की दुनिया में हुई मशहुरी,
हर युग में बापू आप है जरूरी,
आप है जरूरी,
आप है जरूरी।
संजय अमान ‘पोपली’