देश हमारा जान से प्यारा,
प्यारी मिट्टी हिन्दुस्तान की।
आंच न आने देंगे इसपर,
कसम है अपने जान की।
देश -प्रेम से ओतप्रोत है ,
देश का मेरे हरइक वासी।
करते हम सम्मान सभीका,
पहचान है हिन्दुस्तान की ।
आन पर आये बात अगर ,
फिर खैर नहीं शैतान की।
भारतमां के चरणों में हम,
पुष्प चढ़ाते हैं जान की।
हिन्दुस्तानी गौरवशाली है,
अतीत हमारे विज्ञान की ।
कोमलतावश हम हारे थे,
भूल ना होगी इतिहास की।
आंख दिखाये दम ये नहीं,
किसी भी देश जहां की।
हरइक क्षेत्र में आगे बढ़ते,
पथ पाते हैं विकास की।
गौरवशाली रही परंपरा,
आन बान औ शान की ।
सरहद पर डटी है सेना,
लगाये बाजी जान की ।
कांपे है दुश्मन की सेना ,
सुन बोली भी जवान की।
चार कदम पीछे ही रहती,
सुन सेना के पदचाप की।
आंच न आने देंगे इस पर,
कसम है अपने जान की ।
डॉ.सरला सिंह,’स्निग्धा’
दिल्ली