हृदय का मामला काफी संवेदनशील होता है हृदय में किसी प्रकार के ब्लाकेज आने के पहले हृदय की धड़कन संकेत भी देती है। इन संकेतों को अनदेखा करना कभी-कभी काफी घातक सिद्ध हो जाता है
कभी ऐसे पल भी आ जाते हैं जब हार्टअटैक आते ही व्यक्ति कुछ ही मिनट में दुनिया से कूच कर जाता है।
यह मामला काफी गंभीर है। भारत में हृदय रोगियों की संख्या आश्चर्यजनक तरीके से तेजी से बढ़ रही है। आश्चर्य तो तब होता है जब नवजात शिशु एवं युवा पीढ़ी भी हृदय रोगी बन जाते हैं। प्रायः शिशुओं में हृदय रोग से संबंधित बीमारियां जन्मजात होती है जिसे डॉक्टर के परामर्श एवं दवाइयों से समय रहते ठीक किया जा सकता है।
विषम परिस्थिति में सर्जरी ही विकल्प है ।
अबशयह धारणा बदल चुकी है कि हृदय की बीमारी अधिक उम्र वालों को होता है ।
इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जीवन शैली तेजी से बदल रही है। काम के भारी तनाव के कारण लोग व्यायाम पर ध्यान नहीं दे पाते एवं अपनी व्यस्तता एवं खानपान के कारण हार्ट अटैक से उनका असमय निधन हो जाता है ।
इसलिए जरूरी है कि हृदय की धड़कन जब असमान्य रूप से धड़कने लगे तो हृदय रोग विशेषज्ञ के पास जाकर अपने हृदय की गहराई के साथ जाॅच कराना चाहिए।
कई बार साइलेंट हार्ट अटैक से व्यक्ति यह समझ नहीं पाता कि ऐसा कैसे हो गया। बच्चों में जो हृदय की बीमारी आती है वह, जन्मजात हृदय की दीवारों ,वाल्व , धमनियों एवं नसों के सकरेपन के कारण होती है , जिसके कारण रक्त संचार में बाधा उत्पन्न होती है और बच्चे को हृदय रोगी मान लिया जाताहै।
बड़ी उम्र में खानपान यानी भोजन का असर हृदय पर पड़ता है इसलिए जरूरी है कि रोगी अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
पैकेट बंद खाद्य पदार्थ का सेवन न करें ,बीड़ी सिगरेट खैनी, गुटखा से परहेज जरूरी है। चिकनाई वाले पदार्थो जैसे मक्खन ,घी ,तेल, मीट तली हुई सब्जियां तले हुए खाद्य पदार्थ का सेवन काफी कम कर देना चाहिए।
नमक की मात्रा को भी कम कर देना चाहिए। कोशिश करें कि एक बार में भरपेट न खायें। दिन में तीन चार बार थोड़ा-थोड़ा करके भरपेट भोजन ले ।
ह्रदय को स्वस्थ रखने के लिए चीनी, मिठाई चॉकलेट, कोल्ड ड्रिंक्स, मैदा एवं अचार का सेवन भी एकदम कम कर देना चाहिए, क्योंकि यह सब खाद्य पदार्थ डायबिटीज के भी उत्तरदायी होते हैं। डायबिटीज होने के बाद हृदय रोग को बढ़ावा मिलता है। यह भी ध्यान रखें कि
कोलस्ट्रोल ना बढ़ने पाए ,इसके लिए प्रतिदिन 30 ग्राम लहसुन का सेवन करनाचाहिए। अदरक का सेवन, हृदय रोग में काफी लाभ पहुंचाता है ।
आहार विशेषज्ञो के अनुसार अपने भोजन में सब्जियों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए चिकनाई युक्त तेल का प्रयोग ,सब्जियों में न हो इसका ध्यान रखना चाहिए।
इसके अतिरिक्त प्रतिदिन 15 मिनट व्यायाम करना लाभदायक होता है सबसे जरूरी बात है आप खुश रहने का प्रयास करें एवं अनावश्यक भविष्य की चिंता को लेकर वर्तमान खराब न करें।
सतीश उपाध्याय
वरिष्ठ योग प्रशिक्षक
मनेंद्रगढ़ (कोरिया ) छत्तीसगढ़