मंजू लता (राजस्थान)
बाल गोपाल छवि अति सुंदर,
सभी का मन मोहने वाली,
कमल के समान सुंदर नयन ,
मुस्कान जैसे चन्द्रमा की चाँदनी,
और झांकते मोती जैसे दाँत ,
अति सुंदर ,अति सुंदर।
माथे पर मोर पंख मुकुट ,
गले में वैजयंती माला ,
कानों में कुण्डल,
पीताम्बर धारण कर ,
पावों में पैंजनिया ,
कमर पर करधनी रूनझुन करती,
ठुमक ठुमक कर चलते ,
बड़े ही प्यारे लगते ,
अति सुंदर ,अति सुंदर ।
मुख दही से सना, हाथ में माखन,
घुटनों के बल दौड़े ,
यशोदा मैया पीछे पीछे दौड़े,
सभी का मन मोहने वाले ब्रज दुलारे ,
अति सुंदर ,अति सुंदर ।
ऐसे दृश्य को तो तीनों लोकों के देवता भी तरसे,
ऋषि मुनि केसर बरसाये,
यशोदा मैया के भाग सराहे,
ब्रज वासी खुशियाँ मनाए,
नर नारी हिल मिल गाए ,
बाल गोपाल छवि अति सुंदर ,अति सुंदर।