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करुणा मन में जो धरे होता वही महान

अंधकार मन का मिटे तम का न हो निशान

उजियारा हो प्रेम का दूर हटे अज्ञान ।

मजबूत नींव कीजिये फिर कीजै संधान

व्यर्थ किसी तूफ़ान में ढह न जाए मकान l

पूर्ण जरूरत कीजिए रखिये इतना ध्यान

ऐसी शिक्षा दीजिए बने नेक इंसान l

घर के चिराग से कहीं जल न जाए मकान

लाड़ न इतना कीजिये बिगड़ जाय संतान l

सलाह मेरी मानिए रखिए पास सुजान

कारज कोई हो बड़ा होय न व्यवधान।

दृढ़ निश्चय मन में रहे हो मंज़िल का भान

राह कठिन कितनी रहे हो जाती आसान।

विनम्रता व्यवहार में सबके प्रति सम्मान

मीठी वाणी जगत में दिलवाती है मान।

ज्ञानी ध्यानी या गुणी हो कितना विद्वान

करुणा मन में जो धरे होता वही महान ।

अजय कुमार पाण्डेय रायपुर (छत्तीसगढ़)

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