बिजली शिक्षा , नाली सडक और स्वास्थ्य
छोड़ो मित्रो ये सब चिन्ता , कुछ खादी की बात करे
रेशमी पैबन्द से हार जाए, तो भी कोई बात नहीं
खादी को हिंदुस्तान कह देना भी ,कम बड़ी बात नहीं
खादी बनने की प्रक्रिया ने बतलाया आज मुझे
तन ढकने से लेकर खादी राष्ट्रध्वज तक मान तुझे
सफेदपोश गुनहगारों के लिबास में खादी नजर अब आती नहीं
मासूम जवानी सैतालिस की यादे अब कुछ धुंधली हुई
गांधीजी ने खादी के दम, आजादी से मिलवाया
रेशम की चादर को देखो ,बाहर वतन से भिजवाया
मेरी एक छोटी सी इच्छा, कहकर है अभिमान मुझे
खादी की ओढ़नी ढकना ,जब भी निकले प्राण मेरे
डॉ अलका अरोडा