विधा:-दोहा छंद
पोरबॅंदर गुजरात में, करमचंद के पूत।
राजनीति के चाॅंद थे, भारतवर्ष सपूत॥
मोहनदास जहान में, दो अक्टूबर जन्म।
अठारह सौ उनत्रवाॅं, सन था हिन्दू धर्म॥
सत्य अहिंसा पूजते, जपें राम का नाम।
आजादी में भूमिका, सत्याग्रह संग्राम॥
भारत में पदवी मिली, राष्ट्रपिता सरनाम।
“लक्ष्य”महात्मा का मिला,जीवन में उपनाम॥
जीवन जीया सादगी, रहा मृदुल व्यवहार।
पदयात्रा से एकता, मार्ग बना हथियार॥
राष्ट्रपिता गाँधी हुई, मौत जनवरी तीस।
हत्यारा था गोडसे, उन्निस अड़तालीस॥
नाम अमर उनका हुआ, भारत के इतिहास।
श्रद्धांजलि हम दे रहे, आजादी आभास॥
उमाकांत भरद्वाज (सविता) “लक्ष्य” भिण्ड (म.प्र.)