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एयर चीफ मार्शल आर. के. भदौरिया ने संभाला वायु सेना प्रमुख का कार्यभार

नई दिल्ली: एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने 30 सितम्बर  को नए वायु सेना प्रमुख के रूप में अपना कार्यभार संभाला। आर के भदौरिया ने अपने पूर्ववर्ती एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ के सेवानिवृत होने पर यह कार्यभार संभाला। भारतीय वायु सेना के एक प्रवक्ता ने कहा, “नेशनल वॉर मेमोरियल में पारंपरिक…

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भगतसिंह

एक क्रांति जब उठी देश में, भगतसिंह के नाम से। थरथर कांपी थी अंग्रेजी, उस किशोर के काम से।। भाव भरा था देशप्रेम का जिसकी चौड़ी छाती में। जन्मा था वो लाल भगत इस भारत की माटी में।। निश्वार्थ लड़ा ना चाह रही कोई जीवन को जीने की। बार दिया तन मन सब कर दफन…

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अफसरशाही की जाँच क्यो नही होती ?

मैं ऐसे कई लेखा बाबुओं और अन्य सरकारी कार्यालयों मे काम करने वाले बाबुओं को जानता हूँ जिनका मासिक वेतन बीस हजार से तीस हजार है पर उनके घर की शानो- शौकत किसी बिजनसमैन के रुतबे से कम नही । आखिर कहाँ से आया इतना पैसा ? कई ऐसे  थानाध्यक्ष एस ओ और एस आई…

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बाल कविता – स्कूटी की सवारी

नई स्कूटी लेकर आया राजू भालू, उसका दोस्त चिम्पू बंदर है बहुत चालू। मीठी बातो से राजू को बहकाता, रोज उसकी स्कूटी मजे से चलाता।। एक दिन चिम्पू का चौराहे पर कटा चालान, बिन हैलमेट पहने स्कूटी चलाता सीना तान, करी बहुत मिन्नते मिट्ठू तोता हवलदार की, पर फिर भी तोते ने उसकी बात ना…

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है विजयी जो साँसारिक चुनौतियों से हारा नहीं कौन है जिस हृदय में मन्दिर और गुरुद्वारा नहीं

प्रकृति ने सँपूर्ण सृष्टि को समान रूप से अपने तत्व देकर गढ़ा है। अब ये तो मानव जाति पर निर्भर करता है कि वो किस परिस्थिति में किस तत्व की प्रधानता का वरण करे। चाहे माँ दुर्गा की आराधना हो, चाहे विजयादशमी का अवसर हो, प्रत्येक साँसारिक उत्सव एक ही आध्यात्मिक प्रतीक की ओर इशारा…

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जो बाल्कनी हमें मिली थी

जो बाल्कनी हमें मिली थी हमनें कमरा बनवा डाला। परिपूर्ण हों आशाएं छोटा एसी लगवा डाला। बहुत खुश थे हम बिटिया को नया रूम मिलेगा उसका भोला भाला चहेरा अब खुशी से झूम खिलेगा। इसी कल्पना में खोए थे इतने में बिटिया आईं कमरा उसने भी देखा पर ना वो मुस्काई। कुछ संजीदा भाव उसके…

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इतिहास रचाओ

देश में एक इतिहास रचाओ बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ बेटी पिता की शान है बेटी ह्रदय की जान हे बेटी थकी वंश हे बढ़ता कुम कुम पगले आंगन में पड़ते भारत की वो बहादुर बेटी थी वो थी झांशी की रानी लक्ष्मी थी वही है लक्ष्मी रानी जिसने अंग्रेज का उतारा पानी देश में…

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सजग राष्ट्रीय नेतृत्व पर सबको गर्व होना चाहिए

खुशामद-परस्त लोगों सेआमआदमी परेशान है, बिना तेल-मालिश किए होता नहीं कोई काम है. आसन चाहे जमीन हो;  या हो बहुत ऊँचाई पर, खुशामद के बाद ही उनसे होती जान-पहचान है. कुर्सी का नशा इंसान के लिए गजब का नशा है, स्वजन-परिजन को भी  चढ़ावा चढ़ाने कहता है. कुर्सी की संतुष्टि के लिए चढ़ावा बहुत जरूरी…

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