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जीवन क्रिकेट खेल

अनिश्चितता मूल में जीवन क्रिकेट खेल फाइनल उनके बीच में जो करते थे ट्रेल जो करते थे ट्रेल, लीग टेबल में नीचे अब वो सब से आगे, और सब उनके पीछे ‘यश’ मत होय निराश तू , व्यर्थ लगा कर होड़ जीवन लंबी रेस है, बस तू केवल दौड़ और जिन्होंने लीग तक, किया विश्वकप…

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“मां का फैसला”

मां को सोया जान कर बड़ी बहू नीनू ने अपने पति कपिल  समझाते हुए कहा अजी सुनते हो । आज निखिल ( छोटे देवर) का फोन आया था मां के पास अपने साथ रहने की बात कर रहा था। लेकिन आप मां को जाने मत देना जी ,समझ रहे हो ना क्या कह रही हूं?…

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लघुकथा :- प्रेम दर्शन है प्रदर्शन नहीं

मनु एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का है जो शहर में रहता है उसे कॉलेज के पहले दिन से ही लावन्या नाम की एक ग्रामीण कन्या से प्रेम हो जाता है परंतु वह उस लड़की से प्रेम को अभिव्यक्त नहीं कर पाता है जिसका मुख्य कारण मनु का सहपाठी दोस्त रवि है जो उसे मुँह…

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कर लें एक मुट्ठी राख को महकाने की तैयारी”

चाह मिटे चिंता मिटे मन हो बेपरवाह जिसे कुछ नहीं चाहिए वही शहनशाह d आज की प्रबुद्ध पीढ़ी हो युवा पीढ़ी हो या शैशवकाल में पल रहा बचपन, शायद ही कोई एैसा इँसान होगा जिसने कबीर जी की वाणी को न पढ़ा हो। ये भी सच है कि एैसे भी कुछ विरले ही इँसान होंगे…

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इंसान को इंसान समझो तो बात बनेगी

इंसान को इंसान समझो तो बात बनेगी अच्छे संस्कार व्यवहार में लाओ तो बात बनेगी। दूसरों के दोष खोजने में ना लगा दो जिंदगी कुछ अपनी तरफ देखो तो बात बनेगी। सिर्फ थियोरी में ही ना अटके रहो कुछ प्रैक्टिकल हो तो बात बनेगी । किसी का किसी से कोई झगड़ा ही नहीं एक दूसरे…

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नदी की व्यथा

नदी की व्यथा मैं नदी हूं बहती अनवरत, देती हूं जीवन सभी को । राह के चट्टानों को तोड़ती, बढ़ती ही रहती मैं  सतत। सदियों से मेरे संग संग ही, इंसा विकास पथ पर डोला। आकांक्षाओं के अपने नीचे, सबकुछ तुम फिर भूल गये। मेरी ही धारा को मोड़ा फिर, मुझको ही बन्धन में बांधा…

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आपका दिन

“मैं केक नहीं काटूँगी।” उसने यह शब्द कहे तो थे सहज अंदाज में, लेकिन सुनते ही पूरे घर में झिलमिलाती रोशनी ज्यों गतिहीन सी हो गयी। उसका अठारहवाँ जन्मदिन मना रहे परिवारजनों, दोस्तों, आस-पड़ौसियों और नाते-रिश्तेदारों की आँखें अंगदी पैर की तरह ताज्जुब से उसके चेहरे पर स्थित हो गयीं थी। वह सहज स्वर में…

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ये भी एक रास्ता

अनिल बड़ी मुश्किल से सांस ले पा रहा है।आखिर आगे ढींगू मंदिर की खड़ी चढ़ाई है, पहुंचना भी बौद्घ गोंपा तक है।पिता जी ने किसी जमाने में यहां शिमला में सस्ते में ज़मीन ले ली थी फिर गांव छोड़ यहीं के हो कर रह गए  थे। अनिल अब नौकरी के सिलसिले में चंडीगढ़ ज़्यादा रहता…

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बजट

बजट के माध्यम से बढेगी गरीबों,मजदूरों, किसानो और महिलाओ की शक्ति सभी क्षेत्रों में योजनाओं से होगी वृद्धि राष्ट्र की बढेगी आर्थिक समृद्धि । अमीरो की हाय-हाय गरीबों का सौभाग्य अतिरिक्त टैक्स चार प्रतिशत गरीबों के लिए लाएगा अनेक वित्तीय उपहार। टेक्स स्लैब में बदलाव नहीं पाँच लाख आमदनी वालो को टैक्स देने का अधिकार…

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नदी और नारी

चंचल… रोमांच से भरपूर इठलाती हिलौरे मारतीं, अनवरत… नदी और नारी जब भी बड़ीं… रोकीं गईं । वेग किया गया उनका अवरोहित,,, बाँध के बंधन चट्टानें अटका कर बीच अधर में,,, रफ्तार उनकी मिटा दी गई । बंधनों में बंध कर, कुछ रुकीं, कुछ झुकीं और बन गईं बंदी भूल अपना,,, असीम वेग, खुद का…

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