राम का नया स्कूल
राम एक नवी कक्षा का विद्यार्थी है और हमेशा से पढ़ने लिखने में बहुत ही अच्छे दिमाग का रहा है।आठवी कक्षा तक उसकी अटेंडेंस हमेशा पूरी रहती थी और उसकी पिछली कक्षा आठवीं में तो उसकी अटेंडेंस लगभग 97% थी। इससे उसकी टीचर भी उससे बहुत…
राम एक नवी कक्षा का विद्यार्थी है और हमेशा से पढ़ने लिखने में बहुत ही अच्छे दिमाग का रहा है।आठवी कक्षा तक उसकी अटेंडेंस हमेशा पूरी रहती थी और उसकी पिछली कक्षा आठवीं में तो उसकी अटेंडेंस लगभग 97% थी। इससे उसकी टीचर भी उससे बहुत…
करोना का भूचाल करोना ने मचा दिया देश में भूचाल, अनदेखे साये ने कर दिया बवाल। देश विदेश में कर दिया अफरा तफरी का हाल, त्योहारों के उत्सव में कर दिया आतंक। जनता भय से व्याकुल हैं, सरकार हैं विवश, पुलिस चिकित्सक सभी मिलकर लड़ रहे जंग। इस समस्या का एक मात्र अब यही हैं…
आज विश्व में आई विपदा चारों ओर है त्राहिमामचीनी भाई ने दिया कोरोना जिसने मुसीबत में डाली है जान आज युद्ध की घड़ी है आयी पर तैयार खड़ा है हिंदुस्तानबहनों – भाईयों न घबड़ाओ होशो-हवाश से लो सब काम माना वैरी है बड़ा बलशाली पर हम भी हैं बुद्धिमानदें सफाई पर ध्यान हम खुद के,…
डॉक्टर सुधीर सिंह कोरोनाअब सामूहिक संकट के समान है.संकल्प और संयम ही उसका निदान है.कोरोना वायरस से दूरी बनाकर रहने से,कोई भी इंसान तब होता नहीं परेशान है.इस महामारी से बिल्कुल नहीं घबड़ाना है,घबड़ाहट इंसान को बुजदिल बना देता है.आदरणीय बूढ़े-बुजुर्गों ने हमें सिखाया है,संकट में विवेक और धीरज साथ देता है.कोरोना के संक्रमण से…
कोरोना से सदा रहना है सावधान,सबके पास है इसका सरल निदान.स्वच्छ पानी से हाथ साफ कीजिए,चेहरे से यथासंभव हाथ दूर रखिए.खांसी-जुकाम का उपचार कीजिए,उसमें कभी लापरवाही न बरतिए.अपना परिवेश साफ-सुथरा रखिए,आसपास गंदगी फैलने न दीजिए.भूखा न रहिए; ताजा खाना खाइए,ठंढे खाद्य-पदार्थ से परहेज कीजिए.भीड़ वाली जगह से दूरी पर रहिए,स्वजन-परिजन से हाथ न मिलाइए.कोरोनाआपसे डरकर…
रंग जितने हो बेशक लगाया करो। चाहे जितना मुझे तुम सताया करो।। रोज खेलो भले मुझसे होली मगर। सामने सबके रंग न लगाया करो।। इस होली में घर तेरे आऊँ प्रिये। गोरे गालों पे, रंग मैं लगाऊँ प्रिये।। चाहे लहंगा और चुनरी पहिनना पड़े। चाहे तेरी सखी मुझको बनना पड़े।। सब करूँगा सनम मैं तुम्हारे…
मैं, अर्थात आप ही की तरह साधारण जन,ग्राहक, उपभोक्ता, तथा बैंक का सामान्य कर्मचारी व मध्यम स्तर तक का अधिकारी, जिसे अपने ईमानदारी से कर्तव्य पालन करते हुए परिवार का भरण पोषण करना है। ग्राहक व ये कर्मचारी अपनी पूंजी की सुरक्षा व ऋण ले कर जीवन स्तर को ऊंचा उठाने की आंकाक्षा को ले…
आपको याद होगा कि दंगो पर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने टिप्पणी किया था कि दंगो को कुचलने का हुनर उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से सीखें , ये टिप्पणी यूं ही नहीं था ना ही यह मिथ्या है क्योंकि योगी जी ने वो कर दिखाया जिसकी हिम्मत ना केजरीवाल सरकार…
“उम्र का तकाज़ा” है कि छोड़ दूँ तमाम सुखों की ख़्वाहिशें करना और साथ बढ़ती उम्र के बढ़ती ज़िम्मेदारियों के बोझ तले दब पिस कर फ़ना कर दूँ हस्ती अपनी किसी भी आम इंसान की मानिंद… लेकिन ऐसा होगा क्या? मुमकिन तो नहीं सब की मर्ज़ी हो जो वही मर्ज़ी हो मेरी भी कैसे ख़त्म…