कभी भी करो-ना तेरा-मेरा
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी फिर भी तन्हाइयों का शिकार आदमी पिछले काफ़ी समय से ये जुमला जनमानस की मानसिक अवस्था की सटीक अभिव्यक्ति बना हुआ है।जिसका एकमात्र कारण है – “मैं और मेरी खुशी”! लगभग हर व्यक्ति मैं-मेरी के कोरोना से ग्रस्त है, जिसके चलते,परस्पर भेदभाव की प्रतिस्पर्धा बाज़ारों से अब हर दिल…