June 2021
अनुत्तरित प्रश्न
आज भारत ही नहीं पूरा विश्व ही इस कोरोना के चपेट में आया हुआ है। कितने घरों से तो पूरा परिवार ही साफ हो गया । कितने लोग ऐसे भी हैं जो मंहगी दवाइयाँ खरीदते खरीदते बर्बाद हो गये, किसी के जेवर बिके तो किसी के मकान और दुकान तक बिक गये वह भी कौड़ियों…
बिपिन चन्द्र पाल
(Bipin Chandra Pal) (07 नवंबर, 1858 से 20 मई, 1932) प्रारंभिक जीवन :- बिपिन चन्द्र पाल का जन्म 07 नवंबर, 1858 को अविभाजित भारत के हबीबगंज जिले में (अब बांग्लादेश में) पोइल नामक गाँव में एक संपन्न घर में हुआ था। उनके पिता रामचंद्र पाल एक पारसी विद्वान और छोटे ज़मींदार थे। उन्होंने ‘चर्च मिशन…
मुर्दों का मोहल्ला
हो गया हल्ला जब मिला मुर्दों का मोहल्ला खुले आसमान में गंगा की गोद में सोये हुए प्राणहीन आप के सगे संबंधी। कौन है? जिम्मेवार! जिन्हें छोड़ कर बालू की रेत में चले जा रहे अपना कर्म पूर्ण कर। बनाकर विविध पंथ, धर्म, पाखण्ड में पड़कर! अपनों को ही चील , कौओं के हवाले कर…
अभी कोरोना काल ही है।
विगत वर्ष कोकोरोना वर्ष कानाम देकर उससे सम्बन्धित सारे दस्तावेजों कोसहेजकर रखना चाह रहे थेकिआवश्यकता पड़ने परउसे उलट पुलट करउसकी भयावहता की कल्पना कर लेंऔर आगामी किसी प्रकार के वायरल प्रकोपों में उसका तुलनात्मकअध्ययन कर सकें, और वह इतिहास मे अंकित व्यथा गाथा हो जायकि अचानक कोरोना ने पुनःदुगुने चौगुने वेग से साँसें लेनी शुरु…
“ईश्वर सत्य है।”
समाज में भी बड़ी प्रतिष्ठा थी। परन्तु अचानक कम्पनी घाटे में चली गई। देखते ही देखते वो कर्ज में डूब गए। हवेली भी गिरवी रखी गई। आमदनी के सभी स्रोत बन्द और व्यवसाय ट्ठप्प हो गया। उद्दमी व्यक्ति थे, फिर से प्रयास करने लगे परन्तु बात बन नहीं रही थी। नौकरी भी तलाश की। मिली…