स्वतंत्रता दिवस धिक्कार कर कहता है
डॉक्टर सुधीर सिंह आजाद भारत में आर्थिक आजादी नहीं, किंतु आजादी का ढिंढोरा लोग पीटते हैं। स्वतंत्रता दिवस धिक्कार कर कहता है, भारत में गुलाम सा गरीब क्यों रहते हैं? भ्रष्टाचार ने छीना है वंचितों की आजादी, गरीब कोऔर ज्यादा गरीब बना दिया है। भ्रष्टाचारियों के रूतबा का कहना क्या? गोरखधंधेवाजों का सम्मान बढ़ गया…