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राजनीतिक सफरनामा : चुनावी समीकरणों में उलझा मतदाता

                                                                                          कुशलेन्द्र श्रीवास्तव सारे विष्व में उथल-पुथल मची हुई है । ‘‘जिसकी लाठी, उसकी भैंस’’ के सिद्धांत पर अब दुनिया चल रही है । इसमंे जिसके हाथ मं छड़ी तक नहीं है वह पिस रहा है । कोरोना की मार भूल कर अपनी लाठी को कच्चे तेल से चमका का कर वे उठ खड़े हुए…

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हे शिव

हे शिव शम्भू नमः शिवाय् ,   जगपालक जगत विधाता ।    दुर्गापति जय जनक गणेश के,     स्कन्द पिता जय नमः शिवाय् ।        वैद्यनाथ, संहारक दुर्जन के तुम,          हे केदारनाथ जय नमः शिवाय् ।            त्रिपुरारी शंकर गंगाधर प्रभु जी ,             जय त्रिनेत्र ओउम् नमःशिवाय् ।    हे भोले भंडारी जगपति…

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मोरारजी देसाई

(29 फरवरी 1896 से 10 अप्रैल 1995) प्रारंभिक जीवन :- मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी, 1896 को गुजरात के बुलसर जिले के भदेली नामक गाँव में हुआ था। उनके पिता श्री रणछोड़ जी देसाई भावनगर में एक स्कूल अध्यापक थे और बाद में मानसिक अवसाद से ग्रस्त रहने के कारण उन्होंने आत्म-हत्या कर ली…

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