दो-दो हिन्दुस्तान
लाज तिरंगें की रहे, बस इतना अरमान ।मरते दम तक मैं रखूँ, दिल में हिन्दुस्तान ।।●●●बच पाए कैसे भला, अपना हिन्दुस्तान ।बेच रहे हैं खेत को, आये रोज किसान ।।●●●आधा भूखा है मरे, आधा ले पकवान ।एक देश में देखिये, दो-दो हिन्दुस्तान ।।●●●सरहद पर जांबाज़ जब, जागे सारी रात ।सो पाते हम चैन से, रह…