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मत बहाओ खून

मत  बहाओ  खून  मनुता का,    अये सभ्य  मानवो! रो- रोकर  है  पूछती  तुमसे   मनुजता      आज  है। तुम  थे  बहुविकसित, बुद्धि – विवेकयुक्त भलेमानस कहां  पायी  ऐसी  पशुता,    कैसा   यह  समाज   है? धांय-धांय, सांय-सांय  करते  गिर  रहे  बारूद- गोले टूट- टूटकर  के  ढह  रही  हैं    बहुमंजिली   इमारतें बन गए  वीरान   शहर  जो   कलतक   थे   आबाद नहीं…

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नारी के अखण्ड सौभाग्य व अदम्य सहनशक्ति का परिचायक :करवाचौथ

व्रतेन दीक्षामाप्नोति दीक्षयाऽऽप्नोति दक्षिणाम् ।दक्षिणा श्रद्धामाप्नोति श्रद्धया सत्यमाप्यते।। अर्थात् व्रत धारण करनेसे मनुष्य दीक्षित होता है, दीक्षासे उसे दाक्षिण्य (दक्षता, निपुनता) प्राप्त होता है, दक्षताकी प्राप्तिसे श्रद्धाका भाव जाग्रत होता है और श्रद्धासे ही सत्यस्वरूप ब्रह्मकी प्राप्ति होती है । (यजुर्वेद १९ । ३०)। भारतीय संस्कृतिका यही लक्ष्य है कि, जीवनका प्रत्येक क्षण व्रत, पर्व…

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दिल्ली शिक्षा विभाग जेईई व नीट की तैयारी के लिए एक लाख छात्रों को मुफ्त मॉक टेस्ट प्रधान कराएगा

दिल्ली शिक्षा विभाग एक लाख छात्रों को सीयूईटी, जेईई और नीट के लिए मुफ्त मॉक टेस्ट प्रदान करने के लिए सहयोग कर रहा है। दिल्ली शिक्षा निदेशालय ने दिल्ली के छात्रों की प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इस अग्रणी कदम में, विभाग ने एक लाख इच्छुक छात्रों को…

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छोटे-मोटे कामों के लिए छुट्टी न लें

डॉ. नन्दकिशोर साह ग्राम+पोस्ट-बनकटवा, भाया- घोड़ासहन, जिला- पूर्वी चम्पारण बिहार-845303 अगर आपने बीते दिनों में अच्छा काम किया है, तो उसे जारी रखें। इंक्रीमेंट, प्रमोशन का वक्त करीब आ रहा है। अगर आपने ज्यादा छुट्टियां ली हैं, काम में गलतियां की हैं, तो वक्त है कि आप संभल जाएं। इन सब के बावजूद अगर आपका…

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काम के वक्त मोबाइल से दूरी है जरूरी

 डॉ. नन्दकिशोर साह (स्वतंत्र पत्रकार) कई बार आप सोचते होंगे कि आज आपने दिनभर ऑफिस में काम किया उसके बावजूद काम पूरा कैसे नहीं हुआ? आज आपने दिन भर पढ़ाई की लेकिन फिर भी अध्याय खत्म क्यों नहीं हुआ? इसकी वजह यह है कि हमने सिर्फ दिखावे के लिए पढ़ाई या वह काम किया। हमारा…

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डॉ. मनोज कुमार “मन” की तीन कविताएँ

कवि तुम मुझे जगा देना अंसतोष बहुत था उसके मन में, सो, वो रो दिया। जमा हुई भीड़ में उसने, किसी अपने को खो दिया।। अब तो कोई भी बरगला लेता है, मासूमों को राम के नाम पर। देखो गौर से अब जमाने में, वश नहीं रहा किसी का काम पर।। देखो आज फिर आ…

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