क्या हुआ तेरा वादा……….. ! – कुशलेन्द्र श्रीवास्तव
राजनीतिक सफरनामा राजनीति तो वायदों का ही खेल है । ऐसा हो ही नहीं सकता कि कोई राजनीति करे और वायदा न करे और फिर चुनावों में….चुनावों में तो वायदे पानी की तरह बहते दिखाई देता है, वह चुनाव चाहे सरपंच का हो या लोकसभा का । इतने वायदे किए जाते हैं कि वायदा करने…