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कहानी : जिहाद से आजादी

डोली शाह       रंग- बिरंगे फूलों की क्यारियां , बच्चों को झूलने के झूले,  स्विमिंग पूल, मनोरंजन की सारी सुविधाएं ,वहीं लोगों में मधुरता के रस ,कूछ ऐसा था— अकबर पार्क रोड। यहां अक्सर घूमने वाली का  तांता  लगा रहता था।         कुछ अंदर जाकर ही अकबर  कॉलोनी जहां, क्या सनातनी ,क्या टोपी वाले —…

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दीपगीत

शुचि शारदी  शान्त  अमा में दीप जलता  है अकेला।             अनुराग- प्रकाश  फैला है  दिशा  में             छितरा  रही  नभ   में    गंगा- कली             कमलासिनी- कमले!  कल केशनी!             तारकों  से   होड़   लेने   है     चली एक दीया रख दो ड्योढ़ी, दूसरा कुएँ पर, हो उजेला।              साधना   का       दीप     है   यह              श्वास    में     उन्माद    …

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