डॉक्टर सुधीर सिंह
अनुराधा प्रकाशन का पाँच साझा संकलन,
राष्ट्रभाषा हिंदी हेतु सचमुच अमृत-कलश है.
जिसके लोकार्पण के अवसर पर आयोजित,
सजाया हुआ इंद्रधनुषी साहित्य-महोत्सव है.
समर्पित साहित्यकारों ने हिंदी-साहित्य को,
अपनी लेखनी से तहेदिल से खूब संवारा है.
लोगों ने सुना और सुनाया बहुत ही चाव से,
माँ वीणा वादिनी की ही सब महती कृपा है.
हिंदी-साहित्य के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए,
अत्युत्तम कार्य अनुराधा प्रकाशन ने किया है.
”अनुराधा विश्व हिंदी साहित्यकार समूह” ने,
‘हिंदी का हुस्न’ साहित्य-सृजन कर बढ़या है.
गजल,गीत,काव्य-पाठ और लघु- कथा कह;
साहित्यकारों ने एक-दूसरे का दिल जीता है.
जिन बंधुओं ने किया है समारोह का रसपान,
कविता व गीत-गजल फुर्सत में गुनगुनाया है.