मैं हूँ गौरी तुम हो शिव ,
हर जन्म में तुम्हें पाऊँ शिव,
हर जन्म में मेरे रहो शिव ,
तुम्हारा मेरा है शिव शक्ति का रूप शिव ,
सती रूप में तुम्हें मिली शिव,
त्रियुगी नारायण में एक हुए शिव,
ब्रह्मांड में अर्द्ध नारीश्वर कहलाए शिव,
गौरी अब साक्षात शिवानी कहलाये शिव,
अग्निपथ पर चलूँगी शिव,
आरती के दीप -सी जलूँगी शिव,
तुम मेरे ,मैं तुम्हारी शिव ।
सुख-दुख में साथ रहूँगी शिव,
सौभाग्यवती, कुमारी हरतालिका व्रत करती शिव,
सभी तुम्हें पति स्वरूप माँगती शिव,
तुम मेरे , मैं तुम्हारी शिव ।
गौरी नवरात्रि में पूजी जाती शिव,
गौरी नवरूपों में पूजी जाती शिव,
कात्यायिनी, शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी बन जाती शिव,
तुम मेरे ,मैं तुम्हारी शिव ।
महाशिवरात्रि का त्यौहार आया शिव ,
शिवशक्ति एक हुए है शिव ,
अर्द्ध नारीश्वर कहलाए शिव,
काल कूट पीकर , नीलकंठ बने शिव,
ब्रह्मांड को प्रलयंकारी से बचाया शिव,
तुम मेरे , मैं तुम्हारी शिव,
मैं हूँ गौरी, तुम हो शिव।
चैत्र मास में गणगौर है आया शिव,
सौभाग्यवती शिव गौरी आराधना करती शिव,
आशीर्वाद हमारा पाती है शिव ,
अखण्ड सौभाग्यवती वह बन जाती शिव,
मैं हूँ गौरी, तुम हो शिव,
तुम मेरे, मैं तुम्हारी शिव।
मंजु लता