संकट से पुरुषार्थी घबड़ाता नहीं है,
उससे ही संकट डरने लग जाता है।
विपत्ति को सामने देखकर धैर्यवान,
उससे निपटने की तैयारी करता है।
आजकल ‘कोरोना’ कड़ी चुनौती है,
प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष सबको डरा रहा है।
घर में बंद पर अलग-अलग रह कर,
कैदी साआदमी जीवन बिता रहा है।
हरेक इंसान सिर्फ संयम से काम ले,
कैसा भी दुश्मन हो उससे डरे नहीं।
कोरोना जैसे शत्रु को हराने के लिए,
दो गज की दूरी व मास्क छोड़े नहीं।
सृष्टि का सर्वश्रेष्ठ प्राणी है आदमी,
उसके पास धैर्य,विवेक,पुरुषार्थ है।
कोरोना-कहर की समाप्ति के लिए,
इंसान के पास ऊर्जा का भंडार है।
टीकाकरण-अभियान में शामिल हो,
कोरोना को समाप्त कर दम लेना है।
इस अभियान को सफल बनाते हुए,
भारत को कोरोना से मुक्त रखना है
डॉक्टर सुधीर सिंह