मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां ,कार्यस्थल पर तनाव निवारण कार्यक्रम, हिंसा निवारण कार्यक्रम इत्यादि को संचालित कर के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं । इससे एक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त व्यक्ति का निर्माण एवं एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण किया जा सकता हैं । एक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त व्यक्ति एक सभ्य समाज का निर्माण करने हेतु योग्य चयन है । समाज निर्माण एवं एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण सकारात्मक सोच के अंदर ही निहित होता है । स्वास्थ्य ही जीवन है । हमें अच्छा जीवन जीने के लिए शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा । इसीलिए सभी को मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करने के लिए प्रत्येक वर्ष 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है । मानसिक स्वास्थ्य का अर्थ हम अपने संज्ञानात्मक और भावनात्मक क्षमताओं का उपयोग अपने जीवन को तनाव मुक्त करने साथ ही साथ समाज के विकास के लिए करते हैं । इसे ही मानसिक स्वास्थ्य कहा जाता है ।हम अपने सकारात्मक सोच से अपने तनाव को कम कर सकते हैं क्योंकि कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में तभी सफल होता है ,जब वह अपनी सफलता को लेकर अपने मन में हमेशा सकारात्मक सोच रखता है ।
मानसिक अस्वस्थता के कारण अनेक सामाजिक विकृतियां भी पैदा होती है जैसे बेरोजगार बिखरे हुए परिवार है गरीबी नशीले पदार्थों का सेवन और संबंधित अपराध है ।संसार में अनेक ऐसे कारण हैं जिससे व्यक्ति तनाव भरा जीवन जीने को मजबूर है । जिसमें प्रमुख रुप से पारिवारिक वैमनस्य, सामाजिक मतभेद, सांस्कृतिक मतभेद, रोजगार आदि कई ऐसे कारण हैं जो मानसिक स्वास्थ्य को हानि पहुंचाने में अपना योगदान देते हैं और सकारात्मक सोच के साथ किया गया कार्य सफलता की ओर ले जाता है । इसलिए जिस व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य अच्छा होता है वह व्यक्ति बाकी व्यक्तियों के मुकाबले बहुत ज्यादा मेहनती और आत्मविश्वासु होता है और हमेशा किसी भी मुसीबतों का सामना पूरी हिम्मत से करता है ।डब्ल्यूएचओ के अनुसार 45 करोड़ से भी अधिक लोग मानसिक विकारों से ग्रस्त हैं 2020 तक अवसाद विश्व भर में सबसे बड़े रोग का कारण होगा मानसिक स्वास्थ्य का वैश्विक भार विकसित और विकासशील देशों की उपचार की क्षमताओं से काफी परे होगा ।मानसिक रोग के जीव वैज्ञानिक कारण है रोगों का संबंध मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर्स नामक विशेष रसायनों के असामान्य संतुलन से पाया जाता है यदि ए रसायन असंतुलित हो जाएं या ठीक से काम न करें तो संदेश मस्तिष्क में सही प्रकार नहीं जाता है, जिससे मानसिक रोग के लक्षण उत्पन्न होते हैं । मस्तिष्क के कुछ हिस्सों में चोट के कारण भी मानसिक रोग की संभावना हो सकती है ।लंबे चलने वाले रोग जैसे मधुमेह कैंसर और हृदय रोग अवसाद के जोखिम को बढ़ाते हैं ।शारीरिक स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य का निकट संबंध है यह स्पष्ट हो चुका है कि अवसाद के कारण हृदय और रक्त वाहिकी रोग होते हैं ।मानसिक अवसाद से ग्रसित व्यक्ति के स्वास्थ्य संबंधी बर्ताव जैसे समझदारी से भोजन करने, नियमित व्यायाम, पर्याप्त नींद, सुरक्षित यौन व्यवहार, मद्य और धूम्रपान चिकित्सीय उपचारों का पालन करने आदि को प्रभावित करते हैं और इस तरह शारीरिक रोग के जोखिम को बढ़ाते हैं ।मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए बच्चों के लिए कौशल निर्माण कार्यक्रम ,नारियों का सामाजिक आर्थिक सशक्तिकरण, विद्यालयों में मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां ,कार्यस्थल पर तनाव निवारण कार्यक्रम, हिंसा निवारण कार्यक्रम आज को संचालित कर के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं । इससे एक शारीरिक एवं मानसिक रूप से सशक्त व्यक्ति का निर्माण एवं एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण संभव हैं । — डॉ श्रीनिवास तिवारी ,