देश से बँधुआ मजदूर प्रथा को समाप्त करने के लिए 1975 में 24 अक्टूबर को ही एक अध्यादेश लाया गया था एवं 24 अक्टूबर को ही उर्दू की मशहूर लेखिका इस्मत चुगताई एवं कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित मन्ना डे की पुण्य तिथि भी है। इस तरह से ऐतिहासिक, साहित्यिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से इस दिन के महत्व को देखते हुए इस अवसर पर अंतरराष्ट्रीय साहित्य संगम की ओर से संस्था के अध्यक्ष श्री देवेंद्र नाथ शुक्ल की अध्यक्षता एवं *संस्थापक महासचिव डॉ. मुन्ना लाल प्रसाद के संचालन में गूगल मिट के माध्यम से एक अंतरराष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य अतिथि के रूप में अद्यतन के संपादक प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, स्नातकोत्तर डी.ए.वी. महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा एवं विशेष अतिथि के रूप में डॉ. अशोक कुमार तिवारी, ओमान, प्रो. डॉ. विवेक मणि तिवारी, दक्षिण एशियाई भाषा व संस्कृति विभाग, क्वांगतोंग, चीन एवं श्री ईश्वर करुण चेन्नई उपस्थित थे। कार्यक्रम गोबिंद साहा के नेतृत्व में “छंदा मंजरी नृत्य शिक्षायतन”, सिलीगुड़ी के कलाकारों के उद्घाटन नृत्य से आरंभ हुआ एवं “वैशाली धमाल” के श्री ब्रजमोहन कृष्ण द्वारा वंशी वादन से समाप्त किया गया। इसमें देश-विदेश के कवि एवं साहित्यकारों ने भाग लिया एवं यह पूरा कार्यक्रम यूट्यूब एवं फेसबुक पर लाइव प्रसारित किया गया।
कवि सम्मेलन में श्री ईश्वर करुण, चेन्नई, प्रो. डॉ. ब्रज नंदन किशोर, अर्चना आर्याणी, सीवान, डॉ. अशोक कुमार तिवारी, ओमान, प्रो. डॉ. विवेक मणि त्रिपाठी, क्वांगतोंग, चीन, श्री देवी प्रसाद पांडेय, प्रयागराज, डॉ. भीखी प्रसाद ‘वीरेन्द्र’, श्री देवेन्द्र नाथ शुक्ल, डॉ. ओमप्रकाश पांडेय, सिलीगुड़ी,
साहित्य जगत की वरिष्ठ कलमकार प्रोफेसर डॉ. अलका अरोड़ा जी देहरादून ,
श्री विनय शर्मा ‘दीप’, श्री शारदा प्रसाद दुबे ‘शरदचंद्र’ , श्री विधु भूषण त्रिवेदी, थाने, मुंबई, डॉ. कमलेश शुक्ला कीर्ति, कानपुर, श्रीमती विद्युत प्रभा चतुर्वेदी, मंजु, देहरादून, श्री रमेश माहेश्वरी, बिजनौर, स्नेह लता शर्मा, लखनऊ, डॉ. विपिन किशोर प्रसाद, कोलकाता, डॉ. मनोज मिश्रा, हावड़ा, आनंद उर्वशी, दिल्ली, श्री ब्रजमोहन कुमार कृष्ण, वैशाली, श्रीमती पूजा अग्रवाल, मुजफ्फरनगर, श्रीमती पुतुल मिश्र, सिलीगुड़ी, श्री मोहन महतो, सिलीगुड़ी ने गीत, गजल एवं कविताएं प्रस्तुत कीं।