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ट्वेंटी – ट्वेंटी फाईव में बड़का वेलकम

पंकज सीबी मिश्रा / राजनीतिक विश्लेषक एवं पत्रकार जौनपुर यूपी

दिसंबर खत्म और ये जनवरी इस साल फिर से शुरू हुई और अबकी साल 2025 में बस नीतीश चचा के पलटने का इंतजार है अथवा मफलर मैन के फेयरवेल का आयोजन सुनिश्चित हो जाए या फिर दोनों में से कौनो एक काज हो जाए तो राहुल दिल्ली की छोटी यमुना स्नान कर ले । लोग कन्फूजिया गए है कि पहले किस इवेंट का वेट करें। पक्ष वाले दिन-रात ग्रोथ ग्रोथ चिल्लाते हैं पर असली ग्रोथ क्या होती है यह ज्यादातर लोगों को नहीं पता, अपने पड़ोस के नेता जी का बेटा एक मामूली से ऑफिस बाबू हैं ,मात्र सात साल की नौकरी में करोड़ों बना लिया । उधर यूपी में सात साल में हम जैसे लौंडों के तमाम मास्टरी के रिजल्ट नहीं आये कुछ में पास हुए तों कागजात ही फूँकवा दिए गए और कुछ में एलीजिबल ही नहीं होने पाए और फिर सौ रुपया प्रतिदिन के हिसाब से प्राइवेट कॉलेज में  दिहाड़ी खटते – खटते 2025 आ गया। उधर शर्मीले स्वभाव के नेता जी के लौंडे नें  महज सात सालों में चार-चार पेट्रोल पंप और दो एसयूवी टाइप गाड़ियां,साठ किलो चांदी,पचासों लाख के सोने हीरे जवारत,तीन करोड़ नगद,नोट गिनने की मशीन और कई प्रॉपर्टी के कागज जुटा लिए। कहाँ है ईडी भईया  !  इनको पकड़ो , इनको यदि दस बीस साल के लिए फ्री हैंड छोड़ दिया जाए तो ये अपनी प्रतिभा के बल पर अंबानी अडानी को भी पीछे कर देंगे। उधर बीते 2024 में मुझे पाकिस्तान के हैप्पीनेस इंडेक्स में ऊपर रहने पर भी हंसी नहीं आयी, उनका क्या वे तो कहीं भी बम मार कर खुश हो जाते हैं जैसे अभी अपने ही बिरादर तालिबान के ठिकाने पर पार वल्लाह हबीबी कर रहे थे।  इसलिये उन्हें  हैप्पीनेस इंडेक्स में ऊपर रहने का हक है। आगे यही हक़ बांग्लादेश को भी मिलेगा।  हो सकते है बांग्लादेश वाले खुद पर ही बम बरसा ग्रोथ इंडेक्स में सबसे ऊपर हो जाए । टुरीज्म भी बांग्लादेश और पाकिस्तान का गजबे है। घुमाते कहाँ हैं ये ?

‘ आइये अफगानिस्तान से लगा हमारे मुल्क का ये खंडहर देखिये,ये हमने 5 बम मार कर बनाया ‘। ये सीरिया से खरीदी लूना देखिये, इस पर हम 25 बकरियां एक साथ बांध लेते हैं  ‘। ये उस आदमी की मजार है जिसने इतनी शादियां कीं कि हम अब तक गिन नहीं पाए , दो चार तो अम्मी की बेटियों और कुछ अब्बू की बेटियों से भी कीं और रहमत से सत्रह औलादे भी है ‘। ये देखिए लादेन का मकान ,जहां हमने बाबर का तोप  छुपा के रखा था,ये है वो कमरा जहां पर अमरीकी कमांडो ने खाना खाया और नीद मारी  थी। मतलब पाकिस्तानी टुरीज्म में भी टॉप पर।  आखिर दिखाता क्या है पाकिस्तान टूरिज्म में  ? उधर बांग्लादेश में  एक सुहैल नाम के रिटायरमेंट के कगार पर पहुंचे अधिकारी हैं जिनकी सैलरी लगभग बीस हजार रुपया महीना होगी,वो कहते हैं कि आज भी मुझे कोई सिपाही बना दे तो मैं खुशी-खुशी बन जाऊंगा, बल्कि सेलरी भी नहीं लूंगा,उनके प्रेरणास्रोत हमारे सिसोदिया जी जैसे लोग हैं, वही पाकिस्तान के जंगल में खड़ी एक लावारिश गाड़ी में कई किलो सोना और कई करोड़ की नकदी भी मिली है जिसका कोई दावा भी नही कर रहा कि मेरा है, वैसे मेरा निजी अनुमान है कि यदि भारत के सारे नेता और दो नंबरिये धर लिए जाएं और उनकी सारी संपत्ति इकट्ठा कर 2047 खरीद ली जाए तो अमेरिका चीन भीख मांगते दिखाई देंगे हमारे सामने,भारत 2047 कौन काहें आज इसी वक्त विकसित राष्ट्र हो जाएगा,काश हम ऐसा कर पाते। पर अभी हमें 2025 का वेलकम करना है जो हम कर रहे। आप सबसे भी उम्मीद की इस आंग्ल नव वरस का वेलकमवा खास प्रकार से करिये और ध्यान रहे सनातन का नव साल नहीं है यह पर अभी से तैयारी में जुट जाइये क्यूंकि ज़ब अपना टाईम आएगा तों हर घर भगवा और हर घर भगवान दिखेंगे। वैसे भी दारू से दूरी बनाकर नए साल मनाने वाले ही असली है बाकी तों सब मोहमाया है।

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