हिन्दी के सुप्रसिद्ध आलोचक-कवि डॉ.राहुल का भाषा, साहित्य,संस्कृतिएवं राष्ट्र के भावात्मक औरसृजनात्मक
अतुलनीय योगदान एवं आलोचन- कार्य में उनकी विशिष्ट साहित्यिक उपलब्धि के लिए आर जे इंस्टीट्यूट
आफ हायर एजेकेशन,जिला बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश) संस्था के तत्वावधान में साहित्य अकादमी, दिल्ली में
आयोजित समारोह में दिनांक 16 नवम्बर 2024 को “साहित्य शिरोमणि राष्ट्रीय सम्मान”प्रदान किया गया।
यह सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार एवं हिन्दी अकिदमी, दिल्ली के पूर्व सचिव डॉ.रामशरण गौड़,डॉ.अमर सिंह
वधान,डॉ.योगेन्दनाथ शर्मा ‘अरुण’ एवं विदुषी लेखिका रजनी सिंह ने प्रदान किया।डॉ.राहुल की अबतक 82
उत्कृष्ट कृतियाँ-12 कविता संग्रह,10 आलोचना ग्रन्थ, 15 सम्पादित पुस्तकें,राजभाषा सम्बन्धी पुस्तकें,एक
दर्जन बाल-साहित्य,अनूदित कृति आदि प्रकाशित हो चुकी हैं। राहुल- साहित्य में सामाजिक- राष्ट्रीय एवं
सास्कृतिक चेतना का सबल स्वर मुखरित हुआ है। इनके राष्ट्रीय चेतनापरक काव्य एवं उत्कृष्ट आलोचन-
कर्म की प्रशंसा देश-विदेश के प्रबुद्ध साहित्यकारों ने की है।इनके सृजन पर पाँच आलोचनाग्रन्थ प्रकाशित
हो चुके हैं और दो विश्वविद्यालयों द्वारा शोध- कार्य (पीएच.डी)सम्पन्न।इस अवसरसे देशके विभिन्नप्रान्तों
से पधारे अन्य साहित्यकारों हरीलाल मिलन डा .सुशीलकुमार पांडेय डा लोहारो बानियो डा दयाराम
मौर्यआदि को भी उनके विशिष्ट योगदान के लिए संस्थाद्वारा ‘साहित्य शिरोमणि सम्मान’ से नवाजा
गया।
इस अवसर पर सुपरिचित लेखिका रजनी सिंह 6 खण्डों में प्रकाशित “रजनी सिह लचनावली” का
लोकार्पण भी हुआ। जिस डॉ.अमरसिंह वधान ने विस्तार से प्रकाश डाला और रजनी सिंह की सृजन-
शीलता को उद्घाटित किया।अन्य वक्ताओं ने भी रजनी सिंह के संघर्षमय जीवन और चेतनापरक
साहित्य की भूरि-भूरि प्रशंसा की। समारोह में राष्ट्रीय स्तर पर शताधिक साहित्यकार उपस्थित थे।
कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो. रेशमी पाण्डा ने किया।
प्रस्तुति: डॉ. सुकान्त मिश्र