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“एक थी शान्ता”काव्य-कृति का विमोचन

भारतीय साहित्य-कला परिषद् नयी दिल्ली के तत्वावधान में ‘अभी तक क्राइम टाइम’ सप्ताहिक समाचार पत्र, शाहदरा, दिल्ली के  कार्यालय  में 20 अगस्त 2024  को यशस्वी सम्पादक राजेन्द्र गुप्त की अध्यक्षता में हिन्दी के वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राहुल  की सद्यः प्रकाशित पुस्तक”एक थी शान्ता”(खण्ड-काव्य) का विमोचन सम्पन्न हुआ।माननीय अध्यक्ष ने अपने उद्बोदन में कहा कि,रामायण की कथा-श्रृंखला में यह खण्डकाव्य एक नयाकथात्मक परिदृश्य प्रस्तुत करता है। डॉ.राहुल ने इसके माध्यम से अयोध्या नरेश दशरथ और उनकी पत्नी कौशल्या कीरामजन्म से पूर्व पहली सन्तान (पुत्री) की प्रतिष्ठा करसर्वथा नाविन्य का बोध कराया है। भाषा सरल-सुबोध है रोचक कथान्वति इसकी अतिरिक्त विशिष्टता  है। प्रखर- प्रतिभावानसाहित्याचार्य डॉ.राहुल की साहित्यकी विभिन्न विधाओं में अब तक 74 से कृतियाँ प्रकाशित और प्रशंसित हो चुकी हैं। यह इनकी 75वीं पौराणिक महत्वपूर्ण काव्य- कृति है। इस अवसर पर समाचारपत्र के संयोजक उमेश चौहान, मधु वास्तव,आर.पी.मिश्रा,वन्दना कुमारी,डॉ.विवेक कुमार और  आर. के. पाण्डेय आदि  के  साथ अन्य साहित्य- प्रेमी भी उपस्थित रहे। उमेश चौहान ने कहा कि,’एक थी शान्ता’ की कथा पौराणिक परिप्रेक्ष्य में नवीनता का संचार करती है।इसे कुछ कथा-लेखक कल्प-कथा भी मानते हैं लेकिन डॉ.राहुल ने वाल्मीकि रामायण के श्लोकों  को भूमिका  में उद्धृत करके इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की है यह सिद्ध करने का प्रबल प्रयास किया है कि यह कल्प नहीं कही जा सकती। निस्सन्देह रामायण की अन्य  कृतियों  की भाँति यह कृति भी अपनी पठनीयता और उपादेयता बनाएगी। अन्त में, डॉ.राहुल ने  सभी आगन्तुकों  के प्रति आभार व्यक्त किया।

                       प्रस्तुति : मधु श्रीवास्तव,एडवोकेट

                                                संस्था सचिव

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