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बादलों का बनना

लक्ष्मी कानोडिया

        जब कभी हमें भगवान की जरूरत होती है तब हम ऊपर देखते हैं। परंतु हमें केवल बादल दिखाई देते हैं छोटे बड़े  गोल अनियमित गुच्छों की तरह और कभी-कभी पंखों की तरह  यह धरती का तापमान बनाए रखने में सहायता करते हैं और पूरे विश्व को जीवनदायिनी बारिश  से भिगो देते हैं। एक कलात्मक स्पर्श के अलावा यह धरती के लिए एक आशीर्वाद है,  जिसके हमें कई फायदे हैं।

         यह एक बहुत बड़ा छोटी पानी की बूंद का या छोटे छोटे बर्फ के टुकड़ों का संग्रह होता है आकाश में जो बादल कहलाते हैं।

         यह कुछ और नहीं बल्कि पानी का गैस का रूप है जो पानी नदियों झीलों वह समुद्रों से वष्पित होकर उड़ता है। यह जलवाष्प जब ऊपर के वायुमंडल में जाते हैं तो हल्के होते हैं परंतु जब यह ऊंचाई पर होते हैं तो यह पास में आ जाते हैं और बादल का रूप ले लेते हैं तब तापमान में कमी के कारण यह जलवाष्प छोटी-छोटी पानी की बूंदों में बदल जाते हैं वायुदाब के कारण यह बादल बरसने लग जाते हैं और इनके करण नीचे धरती पर गिरते हैं पानी या बर्फ के रूप में।

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लक्ष्मी कानोडिया

अनुपम एंक्लेव किशन घाट रोड

खुर्जा  203131(बुलंदशहर),

उत्तर प्रदेश

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