23 नवंबर 2024 को हिन्दी रंगमंच की अग्रणी संस्था ‘रत्नव'(रमा थिएटर नाट्य विद्या) का तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव दिल्ली के ‘श्री राम सेंटर’ में पूरी भव्यता से आरंभ हुआ। महोत्सव का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। मुख्य अतिथि सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता और देश में एसिड -अटैक की शिकार लड़कियों के लिए वर्षों से नि: शुल्क लड़ाई लड़ रहीं सुश्री कमलेश जैन ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया। सुश्री कमलेश जैन ने कहा कि ‘रत्नव’ रंग संस्था प्रति वर्ष नये-नये कलाकारों, विशेषकर युवा पीढ़ी को रंगमंच के लिए तैयार करती है,जो भविष्य के अत्यंत समर्थ कलाकार होंगे।
दर्शकों से खचाखच भरे ‘श्रीराम सेंटर सभागार’ में अपने स्वागत भाषण में ‘रत्नव’ की अध्यक्षा श्रीमती रमा पाण्डेय ने बताया कि ‘रत्नव’ देश और समाज के सांस्कृतिक वैभव को निरंतर उत्कर्ष पर रखने के लिए समर्पित है ।
तीन दिवसीय रंग महोत्सव के पहले दिन ‘रूप-विद्रूप’ नाटक का मंचन हुआ, जिसमें देश की प्रख्यात नृत्यांगना पद्मश्री शोभना नारायण और भारतीय थिएटर की सुपरिचित अभिनेत्री और लेखिका श्रीमती रमा पाण्डेय ने यादगार भूमिका निभाई।इस प्रस्तुति को संगीत दिया ‘आसावरी प्रोडक्शन’ से जुड़े श्री माधो प्रसाद ने।
यह नाटक देश में ‘एसिड-अटैक’ के मर्मांतक प्रहार के गहरे विषाद को झेल रहीं स्त्रियों के जीवन पर आधारित है।
सभागार में उपस्थित कई नामचीन अतिथिगणों के अनुसार ऐसे हृदय विदारक विषय पर अंतरराष्ट्रीय ख्याति की दोनों दिग्गजों—शोभना नारायण और श्रीमती रमा पाण्डेय की इस संयुक्त प्रस्तुति को देश के रंगमंच के इतिहास में मील का महत्वपूर्ण शिलालेख के तौर पर सदैव याद किया जाएगा।
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त्रिदिवसीय नाट्य महोत्सव के दूसरे दिन श्री विकास कुमार झा जी द्वारा लिखित नाटक “सोन मछरिया” का मंचन हुआ, श्रीमती रमा पाण्डेय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और नाटक के निर्देशन एवं पटकथा लेखन की कमान भी संभाली। अनुभवी कलाकारों के साथ नए कलाकारो ने भी बहुत ही उत्साह पूर्वक अपनी भूमिकाएं बहुत दक्षता के साथ निभाई।इस प्रस्तुति को संगीत दिया सुप्रसिद्ध लोकगायिका विजया भारती जी ने।लाइट एंड म्यूजिक दिया शहजोर अली ने।दर्शकों ने भारी संख्या में आकर नाटक का आनंद लिया।
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नाट्य महोत्सव के तीसरे दिन महोत्सव का भव्य समापन संपन्न हुआ। समापन के दिन श्रीमती रमा पाण्डेय द्वारा लिखित और निर्देशित नाटक’ शाइस्ता’ का भव्य मंचन हुआ।यह नाटक अमीर उम्रदराज अरब शेखों द्वारा ग़रीब परिवारों की छोटी -छोटी लड़कियों से शादी कर उन्हें अपने मुल्क ले जाकर भरपूर शोषण करने के विषय पर आधारित है।
समापन समारोह का उद्घाटन मुख्य अतिथि और वरिष्ठ लेखक श्री बाल स्वरूप राही ने दीप प्रज्वलित कर किया।श्री राही ने बताया कि,’रत्नव’ आज के बाजारवादी युग में पूजा सरीखी पवित्रता से पूरे समर्पण के साथ रंगमंच की सेवा में लगा है।
समापन समारोह के अवसर पर ‘हमलोग’ हिंदी धारावाहिक ख्याति के श्री अभिनव चतुर्वेदी और रंग जगत के प्रसिद्ध अभिनेता सह माडल श्री नासिर अब्दुल्ला को ‘रत्नव आजीवन रंग सेवा’ के अवार्ड से सम्मानित किया गया। पिछले दो दिनों में रंगमंच की सिद्ध अभिनेत्री ‘हमलोग’ सीरियल ख्याति की श्रीमती जयश्री अरोड़ा और सुपरिचित थिएटर व सिने अभिनेता सुनीत टण्डन को भी ‘रत्नव आजीवन रंग सेवा’ सम्मान से नवाजा गया और संजना तिवारी को भी रंगमंच में सहयोग के लिए सम्मानित किया गया।
श्रीमती रमा पाण्डेय ने कहा कि देश के सांस्कृतिक वैभव को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए ‘रत्नव’ प्राण-पण से समर्पित है और सदैव रहेग जो कि दर्शकों के भरपूर आशीर्वाद से ही यह संभव हो पा रहा है। उन्होंने अपनी टीम के सभी साथियों के लिए बहुत -बहुत आभार व्यक्त किया और कहा कि ‘रत्नव’ इन्हीं समर्पित साथियों के भरोसे और बूते है।