शरद ऋतु की सुहानी
आई है पूनम की रात
बरस की इसी रात में
होती येअमृत बरसात
खीर बना कर सब रखें
चंद्र-किरण इसमें झरे
भोग लगा कर खाने से
रोग भागें तन के सगरे
इसी रात में श्रीकृष्ण ने
गोपिन संग रास रचाया
रास देखने भोला शंकर
पार्वती संग में था आया
वर्जित अन्य पुरुष का
उस महारास में जाना
रास देखने केहित बनाया
शंकर ने तब वेष जनाना
मुरली बजाई कान्हा ने
देख लंबी तगड़ी नारी
तान सुन के नाचे भोले
सिर से उतर गई सारी
गोपेश्वर भी साक्षी बना
उसी महारास का आज
वृंदावन में गोपी रूप को
पूजने से पूरे होते काज
कार्तिक स्नान कर सभी
गाएंगे मंगलमय प्रभाती
पीपल तुलसी ठाकुर की
करेंगे भजन अरु आरती
कार्तिक मास हरि प्यारा
आओ करें पूजन अर्चन
प्रकृति संरक्षण करके ही
करेंगे दान अरु हरि वंदन
डॉ कृष्णा जैमिनी
गुरुग्राम हरियाणा।