कविता और कहानी
ब्यूटी पार्लर का कमाल (व्यंग्य)
मुझे कविताएं लिखने का बड़ा शौक था। कविताएं लिखने से ज्यादा सुनाने का शौक था। कविताएं सुनाने से ज्यादा कवि सम्मेलन में जाने का शौक था। कवि सम्मेलन में जाने से ज्यादा तालियां बजवाने का शौक था। और सबसे बड़ी बात भले ही हम साठ बसंत देख चुके थे पर तीस का दिखने का शौक…
दरकते रिश्ते
आगरा में बड़ी-सा मकान, पति ठेकेदार तथा बेटा प्राइवेट कम्पनी में लगा हुआ था। मकान वैसे तो सविता के पिताजी का था पर अब वही उसकी मालकिन थी। उसके पिता जी ने अपनी दोनों बेटियों में अपने जायदाद का बंटवारा इस तरह किया था की आगे चलकर दोनों के मध्य कोई भी मतभेद न…
कहानी : जिहाद से आजादी
डोली शाह रंग- बिरंगे फूलों की क्यारियां , बच्चों को झूलने के झूले, स्विमिंग पूल, मनोरंजन की सारी सुविधाएं ,वहीं लोगों में मधुरता के रस ,कूछ ऐसा था— अकबर पार्क रोड। यहां अक्सर घूमने वाली का तांता लगा रहता था। कुछ अंदर जाकर ही अकबर कॉलोनी जहां, क्या सनातनी ,क्या टोपी वाले —…
इंसानी रिश्ते
बड़ी मालकिन घर के नौकर चाकरों से बड़ा कठोर व्यवहार करती। उनको तुच्छ और हीन समझती। उनकी नजर में पैसा होना ही सबसे ज्यादा जरूरी था। पूजा पाठ के नाम पर दिखावा भी बहुत करती अम्मा। घर के नौकर बुरा नहीं मानते थे उनकी बातों का। कभी-कभी तो छूत-अछूत भी कर दिया करती थी। बरसात…
नवरात्रि
नवरात्रि वर्ष में दो बार आती हैं।बसंतिक नवरात्रि और शारदीय नवरात्रि। हमारा हिंदू कैलेंडर व नव वर्ष की शुरुआत नवरात्रि से होती है। चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को नवरात्रि प्रारंभ होती हैं जो हिंदू नव वर्ष का पहला दिन भी होता है। इस दिन सनातन धर्म के लोग नव वर्ष बड़े ही उत्साह…
साबरमती के संत
अब तो रह-रह के राजघाट कसमसाने लगा,मुझको साबरमती के संत तू याद आने लगा। गूंथ कर हार भ्रष्टाचार के गुलाबों का,तेरी तस्वीरों पै बेखौफ डाला जाने लगा। तेरे चित्रों से छपे कागजों के टुकड़ों पर,बड़े बड़ों का भी ईमान बेचा जाने लगा। पहले कातिल बने फिर धनी फिर मसीहा बने,ऐसे जन सेवकों का राजतिलक होने…
आगमन संदेश प्रिय के
साँवरी भूरि धरा पर, नथ सजा जौ की सुनहरी, चाँद की बिछिया बना कर भेंटता फागुन , लाल दुल्हन की चुनर मे, पीत स्वर मंगल-ध्वनि मे, नील डोली की गति मे , घोलता फागुन, चटक नारंगी पुहुप के, सरस वंदनवार बनकर नव – वधु के आगमन पर डोलता फागुन , श्यामवर्णी कोकिला और, हरित शुक…