दिल्ली में हुई हिंसक घटनाओं के पीछे उन नेताओ के बयान को भी माना जा रहा है जिन्होंने अपने बयान से आग में घी डालने का काम किया . उनमे से कपिल मिश्रा, वर्मा के साथ साथ अन्य नेताओं के विवादास्पद बयानों पर कड़ी आलोचनाओं के बीच भारतीय जनता पार्टी ने ऐसे बयानों को नामंजूर कर दिया और कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और दिल्ली हिंसा को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री के बयान को पार्टी का रुख माना जाना चाहिए।
प्रसाद ने संवाददाताओं के सवालों के जवाब में कहा, ‘‘अगर सार्वजनिक तौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेता ऐसे बयानों को अस्वीकार करते हैं, तब इसका मतलब होता है। और पार्टी अपनी आंतरिक प्रणाली के तहत निश्चित तौर पर स्थिति पर प्रतिक्रिया देती है।’’ उन्होंने आगे यह भी कहा कि पुलिस इन टिप्पणियों को देख रही है और यह मामला अदालत के विचाराधीन है।