प्रेस विज्ञप्ति
दिनांक 22 मई 2022 रविवार को हिन्दी भवन दिल्ली में स्व. प्रो. बाँके बिहारी झा करील द्वारा रचित दो काव्यसंग्रह “अभिसारिका -आत्मा से अनंत तक” एवं “हितोपदेश” का भव्य विमोचन किया गया। स्व. करील जी बिहार (मिथिला) के एक जाने माने संत, कवि,लेखक ,शिक्षाविद एवं समाजसेवक रहे हैं। उनकी पूर्व रचना “करील कादम्बिनी” बहुत ही प्रसिद्ध भजन संग्रह है।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन, शांति मंत्र एवं शंखनाद के साथ हुआ। कार्यक्रम में अयोध्या के महान संत श्री श्री सीताराम वल्लभ दास जी महाराज की गरिमामयी उपस्थिति रही। संत महाराज के साथ मंचासीन विद्वतजन डाॅ उमाशंकर पचौरी (भारतीय शिक्षण मंडल), डॉ हरीश अरोड़ा (दिल्ली विश्वविद्यालय), डाॅ सुषमा सहरावत (दिल्ली विश्वविद्यालय), श्री मनमोहन शर्मा शरण , प्रकाशक एवं पत्रकार (अनुराधा प्रकाशन) एवं डाॅ दिनेश श्रीवास्तव, (सेवानिवृत प्रोफेसर मगध विश्वविद्यालय) ने पुस्तक का भव्य विमोचन किया। विमोचन पूर्व संत महाराज के साथ मंचासीन विद्वतजन का पारम्परिक स्वागत किया गया।अपने उद्बोधन में संत महाराज के साथ-साथ सभी मंचासीन विद्वतजनों ने करील जी के व्यक्तित्व, उनके जीवन एवं उनकी कालातीत रचनाओं की भूरि-भूरि प्रशंसा की। हेमांगिनी झा द्वारा गाए गए स्वागत गान ने कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम का संचालन शुभांगिनी चन्द्रिका के द्वारा किया गया। कार्यकम मे 100 के करीब बंधु-भगिनी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का समापन करील जी के सुपुत्र श्री कृष्ण चैतन्य झा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।