शताब्दी-पुरुष प्रो. रामदरश मिश्र ने भारतीय साहित्य एवं कला-सांस्कृतिक प्रतिष्ठान ‘शब्दसृष्टि’, मुम्बई द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डॉ. राहुल को “विजया स्मृति गौरव सम्मान”(शाल और प्रतीक चिन्ह सहित) प्रदान किया। इस अवसर पर साथ में हैं- डॉ. ओम निश्चल,शब्दसृष्टि के निदेशक और मनोहर मीडिया संचालक प्रो.मनोहर प्राचार्य डॉ.मुकुन्द आंधलकर और
मीडिया सचिव सुश्री आशा रानी।यह सम्मान समारोह प्रो.मिश्र केदिल्ली आवास पर दिनांक 6 जुलाई 2024
को आयोजित किया गया था।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.राहुल की करीब 75 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनकी रचनात्मकता की प्रशंसा करते हुए प्रो. मिश्र ने कहा कि डॉ.राहुल का सृजन-साहित्य कई कोणों से उल्लेखनीय है। इनके लेखन में नवीनता और अनुसंधानात्मक दृष्टि दिखाई देती है। डॉ. ओम श्चल ने भी राहुल के आलोचना-कर्म पर प्रकाश डाला। निश्चल जी स्वयं सुधी साहित्यकार और समालोचक हैं। इस आवसर पर मुम्बई से पधारे शब्दसृष्टि संस्था के निदेशक एवं मनोहर मीडिया के स्वामी प्रो.मनोहर ने डॉ.राहुल के कारयित्री -प्रतिभा और विधायिनी व्यक्तित्व के परिप्रेक्ष्य में इनके गुणात्मक पक्षों को उद्घाटित किया और कहा, इनका काव्य-पक्ष जहाँ समकालीन सामाजिक स्थितियों से साक्षात्कार कराता है वहीं आलोचन-पक्ष भी बड़ा सशक्त और प्रातिमानिक है। नयी कविता के प्रयोक्ता कविवर अज्ञेय, कवि-गीतकार गिरिजाकुमार माथुर, शमशेर, डॉ.जीवनप्रकाश जोशी के साहित्य पर इनकी लिखी आलोचना पुस्तकें एक नया चिन्तन सौंपती हैं। प्रो.मिश्र को भेंट- पुस्तक “संवेदना और यथार्थ के सर्जक: राजेन्द्र प्रसाद पाण्डेय” बहुआयामी लेखक डॉ.पाण्डेय की सर्जना का प्रथम मूल्यांकन ग्रन्थ है। डॉ.विजया की कई कृतियों की बड़ी प्रभावपूर्ण समीक्षा इन्होंने की है और बीसवीं सदी की महिला लेखिकाओं में उनके लेखन के महत्व को प्रतिष्ठित किया है। प्रचार्य मुकुन्द आंधलकर ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।