मौनी अमावस्या 2022 पर मंगलवार को प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन संगम में पुण्य की डुबकी लगाने को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। मौनी अमावस्या माघ मेला का प्रमुख व सबसे पुण्यदायी स्नान पर्व माना जाता है। बांध के नीचे लाखों श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा है। हर डगर, हर राह पर बच्चे, युवा व बुजुर्गों की लंबी कतार लगी है। मौनी अमावस्या पर संगम-गंगा में डुबकी लगाने का संकल्प लेकर लोग तेजी से पग बढ़ाकर घाट की ओर बढ़ रहे हैं। वहीं, घाटों पर भारी भीड़ है।
संगम के अलावा गंगा के अन्य घाटों पर भीड़
संगम के पवित्र जल में कुछ पल स्नान करके बाहर निकलने वाले लोगों के चेहरे पर आंतरिक ऊर्जा की अनुभूति हो रही है। संगम के अलावा गंगा के अक्षयवट, रामघाट, दारागंज, गंगोली शिवालय, फाफामऊ आदि घाटों पर भी स्नान, दान का सिलसिला चल रहा है।
मौनी अमावस्या का स्नान रात 12 बजे से शुरू है
माघ मास की अमावस्या तिथि सोमवार की दोपहर 1.27 बजे लग गई थी। इसी कारण स्नान का सिलसिला सोमवार की दोपहर से शुरू होकर देर शाम तक चला। सोमवार को 45 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था। इसके बाद रात 12 बजे के बाद स्नान का सिलसिला आरंभ हो गया। कड़ाके की ठंड में भक्तिभाव से ओतप्रोत होकर लोग स्नान कर रहे हैं।