पूर्वोंतर हिंदी साहित्य अकादमी ,तेजपुर,असम (भारत) द्वारा 8 मई 2022 को शंकरदेव कलाक्षेत्र, गुवाहाटी के प्रांगण में स्थित नीलमणि फूकन हॉल में ” सारस्वत सम्मान एंव पुस्तक लोकार्पण समारोह” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पूर्वोत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए हुए रचनाकारों ने हिस्सा लिया ।
संयोजक मालविका रायमेधि दास ‘मेधा’ जी के कुशल संचालन में कार्यक्रम का शुभारंभ पूजनीया माता जी के करकमलों से दीप प्रज्ज्वलन एवं अकादमी की सदस्या अवनीत कौर ‘दीपाली’ द्वारा सरस्वती वंदना से हुआ।रीता सिंह सर्जना की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम में पद्मश्री लीलबहादुर क्षत्री मुख्य अतिथि,डॉ दयानंद पाठक अति विशिष्ट अतिथि तथा माता जी विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित थी। इस कार्यक्रम में पद्मश्री लीलबहादुर क्षत्री और डॉ. दयानंद जी का अभिनंदन पत्र के साथ सम्मान किया गया।अपने भाषण में छत्री जी ने लेखन कार्य आत्मा की पुकार से ही करने को कहा और न ही पुरस्कार के लालच में। डॉ दयानंद पाठक जी ने असमीया व अंग्रेज़ी भाषा में सारगर्भित भाषण दिया।
कार्यक्रम का प्रारंभ असम का जातीय संगीत “अ’ मोर आपुनार देश” से हुआ।अपने स्वागत भाषण में मालविका जी ने अतिथिओं का स्वागत उस ऐतिहासिक गुवाहाटी शहर में किया जो कभी प्राग्ज्योतिषपुर नाम से प्रसिद्ध था, जहाँ भगदत्त का राज़ था और जो पूर्वोत्तर के प्रवेशद्वार एवं असम का प्राणकेंद्र है। कार्यक्रम में हातीगाँव के बिहूदल द्वारा आकर्षक जेंग बिहू भी प्रस्तुत किया गया और नृत्य प्रस्तुत करने वाले सभी कलाकारों को सम्मानपत्र से सम्मानित किया गया ।
इस कार्यक्रम में तीन पुस्तकों का लोकार्पण किया गया।डॉ. अनीता पंडा की “मिथक और लोककथाएँ” गारो पहाडियों से, डॉ. गोमा देवी शर्मा का अनुवाद काव्य संग्रह “शून्य प्रहर का साक्षी”,(नेपाली से हिंदी में अनुवाद, मूल कवि महेश पौडयाल),हेमलता गोलछा का कविता संग्रह “उन्मादी मन की मौज” कार्यक्रम में लोकार्पित पुस्तकें हैं। कार्यक्रम में डॉ.तारो सिन्दिक जी (अरूणाचल प्रदेश) को पूर्वोत्तर काव्य गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया।”पूर्वोत्तर पत्रकारिता रत्न सम्मान ” से सम्मानित होने वाले पत्रकार थे श्री रवि शंकर ‘रवि’ जी। (संपादक, दैनिक पूर्वोदय)
डॉ अनीता पंडा (शिलांग), डॉ.गोमा देवी शर्मा (मणिपुर),और डॉ. सीताराम अधिकारी (मणिपुर) ‘हिंदी सेवी सम्मान’ से सम्मानित हुए। अकादमी की ओर से चार स्मृति सम्मान भी प्रदान किए गए।रविकांत नीरज (वरिष्ठ पत्रकार,कवि, लेखक)विमला देवी प्रह्लाद शर्मा स्मृति सम्मान से सम्मानित हुए। उन्हें शॉल ,स्मृति चिह्न, फूलाम गामोसा और नगद 11000/- की राशी प्रदान की गई। इस सम्मान की प्रदाता कंचन शर्मा हैं।
‘तेज बहादुर सुनुवार स्मृति सम्मान’ से सम्मानित होने वाले साहित्यकार थे, दिल्स लक्ष्मीन्द्र सिंह(कवि,लेखक) जिसकी प्रदाता रीता सिंह हैं एवं ‘केवली जमुना सेढ़ाई स्मृति सम्मान’ से सम्मानित हुए श्री नव सापकोटा (वरिष्ठ साहित्यकार) जिसकी प्रदाता हैं डॉ. दैवकी देवी तिमसिना। दोनों को फुलाम गामोसा, स्मृति चिह्न के साथ नकद ₹2100/की राशि प्रदान की गई। सविता दास द्वारा प्रदत्त ‘चंद्रिका सिंह रंजना देवी स्मृति सम्मान’ से श्रीमती मालविका रायमेधि दास ‘मेधा’ (डॉन बोस्को स्कूल,गुवाहाटी की शिक्षिका,कवयित्री एवं लेखिका) को सम्मानित किया गया।इन्हें स्मृति चिह्न, सेलेंग चादर के साथ ₹2100/- की नकद राशि प्रदान की गई ।
“पूर्वोत्तर काव्य सृजन सम्मान” से सम्मानित होने वाले कलमकारों में – अंजना जैन, स्मिता धिरसरिया , संतोष मोदी,कांता अग्रवाल, सविता दास सवि,आभा कुमारी ,जैश्री बोरो , एमी मेहजफी हुसैन, कंचन शर्मा , कुमुद शर्मा ,बिरजा देवी, हेमलता गोलछा, अवनीत कौर ‘दीपाली’ तथा सिक्किम से भक्ति शर्मा, रुपा तामाङ ,मणिका शर्मा , दीपा राई और लुइस बिष्ट थे। ‘पूर्वोत्तर सारस्वत सम्मान’ से सम्मानित होने वाले महानुभाव थे- प्रेम विश्वकर्मा, मनीषा पाल, संतोष कुमार महतो, वेददीप उपाध्याय गौतम, किशोर अग्रवाल, कल्पना कश्यप, मधु पारख, सीमा राय ,विष्णु शास्त्री, डायाफिरा खारसाती, एहसिंग खिवताम, तादोम रुती, पूर्ण शर्मा ,अनूप शर्मा, केदार बराल एवं मानव दे।
सम्मान वितरण समारोह के बाद अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में संस्थापिका रीता सिंह सर्जना ने अकादमी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूर्वोत्तर के इस मंच से हम सभी भाषा का सम्मान करते हुए हिंदी के जरिए अपनी भाषा, साहित्य, संस्कृति की सेवा कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने सफलता का श्रेय सभी सम्मानीय सदस्यों को दिया। कुमुद शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।