इसी ज़मीन पर
धरती को नरक बनाने वालों चले हो चांद-सितारों के सफर पर रहना धरती पर ही है कब तक उडो़गे लगाकर यांत्रिक पर । मालिक जाने क्या होगा सितारों का गर बस गये तुम क्या निकल पडे़ हो प्रदूषण, जनसंख्या और सर्वनाश करने आसमान पर । तुम चाहते तो बना सकते थे धरती पर स्वर्ग किन्तु…