गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं
एक ईश्वर,एक धरती,ये अम्बर एक हमारा है। कहीं मंदिर कहीं मस्ज़िद कहीं ईशु सहारा है।। क्यूँ बनते देशद्रोही तुम, करा कर नित नये दंगे। वतन जितना हमारा है वतन उतना तुम्हारा है।। बहा लो खून अपनों का न होगा कुछ तुम्हें हासिल पड़ोसी देश हँसता है हमें कहकर , बेचारा है.।। कोई हिन्दू,कोई मुस्लिम कोई…