न्यायालय के फैसले, का सम्यक सत्कार
नहीं किसी की जीत ना, हुई किसी की हार
राजनीति के खेल में, उलझ गए थे राम
आशा है लग जाएगा, उस पर पूर्ण विराम
इस न्यायिक प्रक्रिया में, शामिल थे जो लोग
अभिनन्दन हर किसी का, जिस जिस का सहयोग
पांचों पंचों को करूं, बारंबार प्रणाम
दर्ज हुआ इतिहास में, आज आपका नाम
बहुत चुनौतीपूर्ण था, लिया हाथ जो काम
एक पलड़े बाबर खड़े, एक पलड़े श्री राम
कोई पौराणिक कहे, और कोई इतिहास
विधि ना जाने आस्था, ना माने विश्वास
कठिन विषय पर आपने, खोया नहीं विवेक
था संवेदनशील ये, आशंकित था देश
सुना सभी के पक्ष को, और रहे निष्पक्ष
तय सीमा में साधना, कठिन न्याय का लक्ष्य
तथ्यपरक हो फैसला, खुश हो सर्व समाज
जो करते प्रभु कीर्तन, या जो पढ़ें नमाज़
प्राप्त किया उस लक्ष्य को, साध देश का हेत नव-भारत को दे दिया एक नया सन्देश