डॉ. नन्दकिशोर साह
ग्राम+पोस्ट-बनकटवा, भाया- घोड़ासहन, जिला- पूर्वी चम्पारण बिहार-845303
अगर आपने बीते दिनों में अच्छा काम किया है, तो उसे जारी रखें। इंक्रीमेंट, प्रमोशन का वक्त करीब आ रहा है। अगर आपने ज्यादा छुट्टियां ली हैं, काम में गलतियां की हैं, तो वक्त है कि आप संभल जाएं। इन सब के बावजूद अगर आपका प्रमोशन न हो या इंक्रीमेंट कम हो, तो निराश न हों। अगले साल पूरी मेहनत के साथ शुरुआती दिनों से ही बेहतरीन परफॉर्मेंस दें। वैसे सही तरीका तो यही है कि साल भर अच्छा काम करें क्योंकि अब अधिकारी भी जानते हैं कि लोग जनवरी से मार्च-अप्रैल के महीने में ज्यादा काम क्यों करते हैं? हमें चाहिए कि हम साल भर ही हर कदम संभल कर रखें। निर्धारित लक्ष्यों को ध्यान में रखकर समय सीमा के अंदर कार्य को पूर्ण करें। जितना ज्यादा हो सके, उतना नई जिम्मेदारियां भी अपने ऊपर लें। ऑफिस में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायें। काम के जरिए अपनी स्वच्छ छवि बनाएं। अपने संवाद कौशल के जरिये भी कई लोग कार्यालय में सबके प्रिय बने रहते हैं। कुछ लोग काम तो ठीक करते हैं, लेकिन लोगों से बातचीत बिलकुल नहीं करते। इस तरह उनका होना, न होने के बराबर होता है। कई लोग बार-बार छुट्टी लेते हैं या बहुत बीमार रहते हैं। इस तरह ऑफिस में वे कम काम कर पाते हैं। इसका असर भी उनकी इंक्रीमेंट पर पड़ता है। बीमार होने की स्थिति में तो आप कुछ नहीं कर सकते, लेकिन अगर आप शादी, जन्मदिन आदि समय में छुट्टी न ले तो आपके लिए बेहतर है। ऐसा इसलिए क्योंकि जब हम बार-बार छुट्टी लेते हैं, तो हमारे ऊपर से कई जिम्मेदारियां अधिकारी हटा देते हैं। उनका हम पर भरोसा कम हो जाता है। धीरे-धीरे उन्हें लगने लगता है कि इस कर्मचारी के ऑफिस न आने पर भी कंपनी को कोई फर्क नहीं पड़ रहा, तो क्यों न इसे हटा दिया जाये। बहानेबाजी करने वाले को छटनी वाले कर्मचारियों की लिस्ट में शामिल कर लिया जाता है।
ऑफिस में लोगों से जरूर मिलें, लेकिन बातचीत इतनी लंबी भी न हो कि लोगों को आप फ्री दिखने लगें। इसी प्रकार दूसरे के कार्यालय में जाकर आप आराम से बैठे रहेंगे तो लोग यह समझेंगे कि आपके पास कोई काम नहीं रहता है। अतः जरूरत से ज्यादा समय तक किसी कार्यालय में नहीं बैठे। इससे आप अपना समय बचाते हैं और दूसरों का भी। सबसे जरूरी बात यह है कि इधर-उधर की बातों को हवा न दें। कोई अगर इस तरह से करता हो, तो तुरंत उस जगह से हट जायें। यह बेहद जरूरी है, क्योंकि कई बार हम बैठकर गॉसिप नहीं भी कर रहे होते हैं, तो लोगों को लगता है कि हम उनके ग्रुप में शामिल हैं। लोगों की टेबल पर जा कर बात न करें। उन्हें अपने पास आने दें। ऐसा करने से यह इल्जाम आप पर नहीं लगेगा कि आप अपनी जगह पर नहीं होते। छोटे-मोटे कामों के लिए छुट्टी न लें। सिर व पेट दर्द के बहाने से यदि आप छुट्टी लेंगे, तो जरूरत पड़ने पर भी आपको छुट्टी नहीं मिलेगी।
डॉ नन्दकिशोर साह