सभी देशवासियों को स्वतंत्र्ता दिवस एवं रक्षा बंधन की पावन शुभकामनाएँ ।
शायद इस बाद स्वतंत्र्ता के एहसास में वृद्धि अवश्य हुई है । एक तरफ तो ‘तीन तलाक’ बिल पास होने से मुस्लिम बहनों की मानसिक गुलामी की जंजीरें टूटी हैं । वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘मोदी–2’ सरकार ने कश्मीर, लद्दाख को पूरे देश की मुख्य धारा के साथ जोड़ दिया और धारा 370 को नौ दो ग्यारा कर दिया ।
70 सालों में जो धारा प्रश्न चिन्ह बनी हुई थी । चुनावी वादों में मुख्य मुद्दा बनती रही है किन्तु हमेशा यह जोखिम भरा काम महसूस किया जाता रहा और किसी ने जोखिम उठाने की कोशिश नहीं की । मोदी सरकार ने योजनाब( तरीके से एकाएक उसको हटाकर अब ‘एक देश एक संविधान’ का लक्ष्य हासिल कर लिया जो दिवा स्वप्न सा प्रतीत होता था । वहाँ के नेताओं ने तो यहाँ तक कह दिया था कि इसके लिए उन्हें 10 जन्म लेने पड़ सकते हैं ।
लेकिन इस अनसुलझी गुत्थी को एक ही झटके में सुलझा कर यह बात साबित कर दी कि कोई भी प्रश्न कितना भी कठिन क्यों न हो तभी तक सरदर्द बना रहता है जब तक वह प्रश्न हल नहीं हो जाता । जब प्रश्न का हल निकल जाता है तब ऐसा प्रतीत होता है कि इतनी कठिनाई नहीं थी । यह सरलता से हल किया जा सकता है । शायद कुछ ऐसा ही धारा 370 के हल के विषय में आगे जाकर बातें होंगी कि बात इतनी सी थी बवाल 70 वर्षों तक मचा रहा ।
विशेष बात यह है कि वहां का नागरिक भी जान रहा है, अनुभव कर रहा है कि इस धारा को हटाने से देश का संविधान लागू होने से तरक्की के दरवाजे मानो खुल जाएंगे । व्यापार–उद्योग धंधे, फिल्मों की शूटिंग, टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, वहां के लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलेंगे । प्रदेश में आतंक का सफाया होगा । पाकिस्तान को यह हल कतई बर्दाश्त नहीं हो रहा है, क्योंकि उसकी आतंक की फैक्ट्रियाँ धरी की धरी रह जाएंगी । ‘खिसियानी बिल्ली खम्बा नौचे’ वाली हालत हो गई है उसकी