पूरे विश्व में हाहाकार – सभी देशों की सरकार, वैज्ञानिक और डॉक्टर है लाचार
केवल भारत ही करेगा कोरोना माहामारी का इलाज
नई दिल्ली । वेदों–शास्त्रों में कोरोना महामारी का निश्चित समाधान है जिससे न केवल यह जानलेवा महामारी जड़ से समाप्त हो जाएगी अपितु जिसे कोरोना नहीं है उसे भी भविष्य में कभी नहीं होगा । केवल भारत ही विश्व में पैफली कोरोना महामारी का इलाज करने में सक्षम है । यह बात परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने एक प्रेस बयान में कही । उन्होंने कहा कि कोरोना जैसे कीटाणु, बैक्टीरिया और वायरल आदि काल से है । आज पूरा विश्व इस भयानक वायरस की चपेट में है जिसके कारण चारों ओर त्राहि–त्राहि मची हुई है । विश्व के लाखों लोग कोराना वायरस की चपेट में आ चुके हैं । पूरी दुनिया के डाक्टर, वैज्ञानिक इस वायरस का इलाज खोज रहे हैं । जबकि हमारे वेदों शास्त्रों में कोरोना जैसे भयंकर वायरस का इलाज आदि काल से मौजूद है ।
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी का कहना है कि विश्व का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका आज जिस प्रकार भारत सरकार से मलेरिया की दवाइयों के लिए गिड़गिड़ा रहा है उससे यह बात वैज्ञानिक रूप से सि( हो गई है कि अब भविष्य केवल आयुर्वेद का ही होगा । जिन दवाओं की अमेरिका ने मांग की है वह आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों से ही बनाई जाती है । कोरोना वायरस को रोकने के लिए कोई भी एलोपैथिक दवाई काम नहीं आ रही और मेडिकल साईंस पूरी तरह बेबस साबित हो चुकी है । केवल आयुर्वेद ही अमेरिका और यूरोप को कोरोना की महामारी से बचा सकता है । आने वाला समय निश्चित रूप से आयुर्वेद का ही होगा ।
एतिहासिक है प्र/ानमंत्री का योगदान
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने प्र/ानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए उन्होंने जो प्रयास किए हैं उसकी प्रशंसा स्वयं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी की है । इस वैश्विक महामारी को समाप्त करने के लिए श्री नरेंद्र मोदी जी जो कार्य कर रहे हैं वैसे कार्य आज तक इतिहास में किसी भी प्र/ानमंत्री ने नहीं किए । भगवान श्री लक्ष्मी नारायण /ाम के करोड़ों श्र(ालु महासंकट की इस घड़ी में प्र/ानमंत्री जी के साथ है ।
इसे नियंत्रित करने के लिए पूरा विश्व है लाचार
कोरोना वायरस की भयानकता का आपको व सबको ज्ञान ही है जो बहुत चिंता का विषय है । अमेरिका सरकार की एनआईएच संस्था में स्पष्ट लिखा है कि कोरोना वायरस का न तो कोई स्थायी इलाज है और न ही इसकी कोई दवा बनी है । जो भी एलोपैथिक दवाएं खोजी जा रही हैं वह बहुत हानिकारक है क्योंकि ये दवाएं वायरस को केवल कुछ समय तक ही दबा देती हैं । कुछ समय बाद यह वायरस पुन% सक्रिय हो जाता है । कोरोना वायरस खतरनाक कीटाणुओं जैसे ैजतमचजवबवबबनेए ।बपदमजवइंबजमतए च्ेमनकवउवदंेए ैजंचीलसवबवबबनेए ब्ंदकपकं के साथ शरीर में भयंकर रोग पैदा कर रहा है जिससे लोगों की मृत्यु हो रही है । इन्हीं कीटाणुओं से गला खराब, बुखार, खांसी, जुकाम, बच्चों के रोग, आंख–कान–नाक के रोग, अनेकों प्रकार के गंभीर इंपेफक्शन, हृदय, सांस, किडनी के रोग और लगभग सभी रोग हो रहे हैं और भविष्य में भी अनेकों भयंकर रोग होने की संभावना है । कोरोना और इन महाभयंकर कीटाणुओं का एलोपैथी विज्ञान में कोई समा/ान नहीं है । कोरोना वायरस के साथ ये भयंकर कीटाणु जब प्रतिक्रिया करते हैं तो शरीर में वायरस और बैक्टीरिया का प्रभाव तेजी से बढ़ने लगता है जिसके कारण अनेक प्रकार के भयानक रोग हो जाते हैं और मृत्यु तक हो सकती है ।
वेद शास्त्रों में हैं इसका निश्चित समा/ान
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने कहा कि वेद में महामारी और रोगों के नाश का महामंत्र दिया गया है । जिसके अभिकीलन से कोरोना जैसी महामारी जड़ से समाप्त हो सकती है । साक्षात् भगवान शिव का कथन है कि इस शास्त्रोक्त वि/ान को करने से कभी अकाल मृत्यु नहीं होती और मृत्यु के कगार पर खड़ा व्यक्ति पूर्णत% स्वस्थ हो जाता है । इस शक्तिशाली शास्त्रोक्त वि/ान के बारे में स्वयं मां दुर्गा ने सभी देवी–देवताओं को बताया था । मां दुर्गा ने वेद में स्पष्ट कहा है कि मैंने ही समस्त प्रकृति, स्त्री–पुरुष, जंगम और स्थावर जीव अर्थात /रती पर रहने वाले, हवा में रहने वाले और जल में रहने वाले सभी प्रकार के सूक्ष्म जीवों, किटाणुओं और अभिचारकों को बनाया है और मैं ही इनका नाश कर सकती हूं । मैं प्रसन्न होने पर सभी प्रकार के महाभय और महारोगों को दूर कर देती हूं और कुपित होने पर समस्त लोकों का नाश कर देती हूं । मेरी शरण में आने पर विपत्ति, भय और महामारी का नामोनिशान मिट जाता है ।
ऐसे तैयार होती है कोरोना की अभिमंत्रित औष/ि
कई जड़ी बुटियों को मिलाकर औरी पिफर उन्हें अभिमंत्रित करके कोरोना वायरस के समाप्त होने की औष/ि तैयार होती है । बेगस, कालमेघ, सिगौटा, रिक पत्री, चाइना अस्टर, बेरी गेटा का पत्ता मेन मिस हरितकी बकायन द्रेग इन सबको मिलाकर 1 ग्राम स्वर्ण भस्म, 1 ग्राम बज्र भस्म, 1 ग्राम लोहा भस्म, 1 ग्राम मंडूर भस्म को खरड़ में पीस लें । छोटे–छोटे कण पिस जाएंगे । इसके बाद श्री दुर्गा सप्तशती में दिए गए मंत्र से अभिमंत्रित करने के बाद यह औष्/ि पूर्णत% तैयार हो जाएगी ।
कैसे कार्य करता है कोरोना
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने कहा कि कोरोना जैसे वायरस पहले भी थे और भविष्य में भी रहेंगे । कोरोना वायरस अपने आप में कुछ नहीं करता । वह शरीर में मौजूद बैक्टीरिया को ढूंढता है और उससे प्रतिक्रिया करने के बाद ही अपना कार्य शुरू करता है । वेदोक्त विज्ञान और अभिमंत्रित औष/ियों के सेवन और स्नान से कोरोना सदा के लिए भाग जाएगा । इन औष/ियों से बुखार सदा के लिए समाप्त हो जाएगा जो कोरोना का मूल कारण है । इसलिए इस वायरस से डरने की जरुरत नहीं है । केवल वेदोक्त विज्ञान ही इस संसार को कोरोना महामारी और हर प्रकार के भय एवं रोगों से मुक्त कर सकता है । इस विज्ञान को भूलने से ही पूरा विश्व तरह–तरह के दुखों और रोगों का सामना कर रहा है । केवल इसी से मानवता को स्वस्थ, निरोगी और सुखी रखा जा सकता है । इसके सिवा न कोई समा/ान था, न है और न ही भविष्य में होगा ।
डैंड्रपफ के साथ मिलकर अति घातक हो जाता है कोरोना
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने कहा है कि अमेरिका सरकार की एन–आई–एच– की वेबसाइट पर लिखा है कि कोरोना वायरस का कीटाणु बेक्टीरिया के साथ मिलकर और भी गंभीर रोगों को पैदा करता है । कोरोना के कीटाणु डैंड्रपफ के कीटाणु के साथ मिलकर और ज्यादा खतरनाक हो जाते है । मेलेसिजीया, कैंडीडा, असंटो–बेक्टर, स्ट्रेस्टो–कोकस, सूडो मोनास जैसे कीटाणु अनेक रोगों को जन्म देते हैं । कोरोना के साथ मिलकर ये कीटाणु और ज्यादा खतरनाक हो जाते हैं । कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए भारत के थशस्वी प्र/ानमंत्री के निर्देशों के अनुरुप आप कार्य करते रहिए क्योंकि इसी से भारत का कल्याण होगा । हाथों और शरीर को स्वच्छ रखने के साथ–साथ अपने बालों और सिर को भी /ोते रहें और इन्हें ढक कर रखें । सिर के बालों में मौजूद डैंड्रपफ के खतरनाक कीटाणुओं के संपर्क में आने से ही कोरोना और भी भयानक रुप ले लेता है ।
परम पूज्य ब्रह्मर्षि श्री कुमार स्वामी जी ने कहा कि वे कई वर्षों से खतरनाक कीटाणुओं का समा/ान कर रहे हैं । स्वयं आयुष विभाग के डायरेक्टर और इनकी टीम की मौजूदगी में खतरनाक कीटाणुओं से होने वाले रोगों का प्रत्यक्ष समा/ान किया गया है । मंत्रों और आयुर्वेदिक औष/ियों से हजारों लोगों का सपफल इलाज हो चुका है जिसे आयुष विभाग ने भी प्रमाणित किया है । उन्होंने कहा कि कोरोना के समा/ान के लिए केवल कोरोना की दवा नहीं दी जाती बल्कि रेागी का अन्य बीमारियों का पहले पता लग जाता है । पहले देखा जाता है कि रोगी को शूगर, किडनी, हार्ट आदि के रोग तो नहीं हैं । पूर्ण इलाज के लिए रोगी की जन्मतिथि और आयु इत्यादि का उल्लेख भी जरुरी है क्योंकि इन सारी प्रक्रिया से गुजरने के बाद ही शास्त्रोक्त समा/ान दिया जाता है ।