भारत एक शानदार देश रहा है जिस पर हमे सदा गर्व रहेगा दुनिया ने इस बहुमूल्य हीरे को कई बार परखा भी और हर बार जी भर कर इसके खजाने से अपनी झोली भर ली . बड़े ही दुःख की बात है की एक आम भारतीय ही कुछ ज़हरीले लोगो की साजिश के कारन अपने इस अद्भुत देवतुल्य देश की महत्ता भूल गए और अपनी जड़ो से दूर हो गए है . पर शुक्र है अब देश की हवा कुछ समय से बदली है और कुछ बेहतर हो चली है . देश की हवा में सुकून घुल सा गया है जबसे इसमें अपनी सनातन जड़ों की खुशबू फिर से आने लगी है
देश की बहुत सारी धरोहर ऐसे है जो अमूलय है और बात करने लगे तो ये आर्टिकल छोटा पड़ जाये इसलिए एक छोटा सा टॉपिक ही उठाना चाहूंगी इस बार जो है आयुर्वेद . आयुर्वेद भारत का वो कोहिनूर रहा है जिसे हमने अपनी अज्ञानता से खो दिया और वो धूमिल होता जाता है एक आम भारतीय बीमारियों का घर बनता जाता है . सूरज को जल देने से ही शुरू करते है . कैसे हमे बचपन से कई उदाहरणों से ये समझाया गया की सूरज को पानी देना एक निरर्थक कार्य है i. ये पुराना अन्धविश्वास है जिसका कोई सर पैर जाने बिना हम बस इस अन्धविश्वास को धोते जा रहे है . कैसे देश की पुण्य आत्माओ द्वारा सूरज को पानी देने का, एक वर्ग द्वारा मजाक बनाया गया . हम पीछे इसलिए रहे क्योकि हमने भी कारन नहीं जानना चाहा . ठीक है आप अन्धविश्वास मत धोइये पर एक बेहद पुरातन जीवन पद्द्ति की अति प्राचीन किसी विधि का विरोध करने से पहले कुछ तो सोचिये . सूरज को जल सुबह नहाकर दिया जाता है . चलिए इसी बहाने एक मिनट के लिए ही सही आपने सूर्य दर्शन तो किये . सुबह ही सूरज से विटामिन डी लेना सबसे लाभकारी होता है बल्कि कम से कम 20 मिनट सूरज की रौशनी सुबह 10 बजे से पहले लेनी चाहिए अब तो जिन वेस्ट के वैज्ञानिको पे आपको विश्वास है वो भी यही कहते है . तो क्या आपका मन दुखी नहीं हुआ अपने पुराने संस्कार यु ही छोड़ देने से . क्योकि किसी ने आपको कोई वाहियात सी कहानी सुनाकर आपको इससे दूर रहने की सलाह दी थी और इसे ढकोसला बताया था . यही नहीं सूरज की किरणों के सात अलग अलग रंग जो हमे इंद्रधनुष में दीखते है सूरज के रथ के घोड़े न मानना चाहे, चलिए तो ठीक है, न माने कोई बात नहीं पर वो सिर्फ एक आग का गोला नहीं ये तो मानेंगे . सूरज की ये सात किरणे जब हम सूरज को पानी देते है और तांबे के लोटे से जब पानी से छनकर वो किरणे हमारे शरीर पर पड़ती है तो शरीर के लिए बेहद लाभकारी होती है . सूरज को पानी जब दिया जाता है तो पानी ऐसे दिया जाता है की नीचे गिरते पानी से ऊपर मुख करके सूर्य को हमे देखना होता है . और सूरज की किरणे उस तांबे के लोटे से छानकर हमारे शरीर पर पड़ती है कई बीमारियों से भी बचाव करती है . और ये कोई अन्धविश्वास ढकोसला नहीं
सनातन धर्म में माघ माह में जो कोवो के लिए खाना निकाला जाता था उसको भी ढकोसला अन्धविश्वास बताया गया . क्यों कभी किसी ने नहीं बताया की इन्ही कोवो की कृपा से हमारी धरती पीपल बरगद जैसे दिव्य पेड़ से धरती को सजाती है . पर बेहद दुःख की बात है की हमे हमारी गौरवशाली बेहद लाभकारी जीवन पद्द्ति से दूर कर दिया गया और हम जहर भरी जीवन पद्द्ति की तरफ चले गए .
अपने पैसो से चमक धमक वाला ज़हर खरीदो , अपने शरीर को रोगी बनाओ और अपनी सारा जमा पूँजी दवाइयों में खर्च करके अल्प आयु में ही अपना जीवन खो बैठो . सच बताइये क्या यही नहीं हो रहा . क्या खरीदने के लिए उकसाया जाता है हमे बार बार TV ऐड में … आइये देखिये जरा
- दांतो के लिए colgate, papsodante, babbol, और दुनिया भर के टूथपेस्ट पर सोचिये और बताइये नीम से बढ़के नीम की दातुन से बढ़कर क्या है
- गर्मी भगाने के लिए Coke , thumps Up, Fanta, Sprita, Maza और न जाने कितने ड्रिंक अब बताइये नीम्बू पानी , शिकंजी ,लस्सी , छाछ , गन्ने का रास , आम पन्ना , शरबत , इनमे क्या जीवन के लिए लाभकारी है और क्या नहीं
- Head and Shoulder, Clinik all clear, और न जाने कितने एंटी डेंड्रफ शैम्पू बताइये किसके उपयोग करने से डैंड्रफ गया है . बाल इतने रूखे और कुपोषित हो जाते है की फिर पार्लर से रिबॉन्डिंग या हेयर स्पा के लिए दुनिया भर का पैसा लगाओ . आप डैंड्रफ के लिए नीम का तेल इस्तेमाल करके देखे और बालो की सेहत के लिए एलो वेरा जेल . यकीन मानिये बालो को विष की बजाय अमृत भी मिलेगा और प्रकृति से जुड़ने का सुख भी हृदय को शांति देगा
- दुनिया भर के फेस वाश , एंटी पिम्पल , स्पॉटलेस ,एंटी रिंकल , इतनी क्रीम और फेस वाश , सब किया होगा करते भी होंगे आप ….. बेसन , मुल्तानी मिटटी या एलो वेरा जेल , चेहरे को चमका देगा
- एसिडिटी , गैस के लिए इनो बंद कीजिये सुबह नारियल पानी पीजिये ……. गरम पानी में नीम्बू मिलकर पीजिये और फर्क देखिये
- कमजोरी थकान भगाने के लिए दुनिया भर के दवाइया या ड्रिंक लेने से अच्छा है सुबह किशमिश का पानी पीजिये जिसके लिए रात भर किशमिश पानी में रखा गया हो और चमत्कार देखिये
- माइग्रेन न खतम होने वाला दर्द , जिसका कोई पुख्ता इलाज मौजूद ही नहीं , शरीर में घी की कमी है इसके लिए शरीर की कमजोरी भगाइये गाय का घी इस्तेमाल कीजिये और उससे सोते हुए नाक में डालिये , और फर्क देखिये
हमारा आयुर्वेद आरोग्य का खजाना है जिस भंडार को हम लुटा चुके है . इससे वापस कैसे पाया जाये इस पर विचार कीजिये , अब तो you tube से भी आप कई पुराने इलाजो को फिर से ढूंढ सकते है
ये जो उपाय मेने लिखे है ये सब मेने स्वय आजमाए भी है आप भी तो बताइये अपने अनुभव जो आपने भी ऐसे अनुभव किये हो . भारत अतुल्य है पूजनीय है वंदनीय है , इसका एक एक कण स्वयं शिव है इसलिए इसे अपनाइये और इस पर गर्व कीजिये
सिर्फ कुछ ही आदते बदलिए और अपने जीवन को बाजार में बिकते केमिकल और ज़हर से बचाइए . ये सिर्फ पैसे बचाने के बारे में नहीं है . अपने शरीर को बीमारियों का घर न बनाने के बारे में भी है
अपने गौरव शाली सनातन परम्पराओ को अपनाइये , अपने बच्चो को इससे अवगत कराइये और भारतीय होने पर गर्व कीजिये .
जय हिन्द