प्यासी धरती मुरझा मधुवन
प्यासी धरती तुझे पुकारे, प्यासी नदिया तुझे पुकारे, आ रे मेघा अब तो आ रे। बादल नीलगगन पर छाते, संग आंधियों को ले आते, तेरे राजदूत बनकर वे, झूठे आश्वासन दे जाते। सूखी पोखर तुझे पुकारे, आ रे मेघा अब तो आ रे। कोयल सूखी अमराई में, विरह गीत गाती रहती है, और मोरनी…