कानून और न्ययालय की देश में क्या जरूरत , जब त्वरित न्याय मौजूद है तो , ये सवाल सबके जहन में आएगा !मेरा निजी मत है कि विकास दूबे का एनकाउंटर सही है क्योंकि वो खूंखार था और हत्यारा था किन्तु मुख्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसो की गाड़ियां क्यो नही पलटती, भादेठी कांड वाले जावेद सिद्दकी का एनकाउंटर क्यो नहीं होता ? 11 गाड़ियों के काफिले के साथ तकरीबन चार दर्जन से अधिक जवान अत्याधुनिक हथियारों से लैस थे ! हाइवे पर पलटी गाड़ी को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि गाड़ी पलटने के बाद लंगड़ा आतंकवादी विकास गाड़ी से कैसे निकलकर भागने लगेगा ?जबकि अन्य गाड़ियों में सवार पुलिसकर्मी तो उसकी सुरक्षा में चल रहे,उनकी गाड़ियां तो विकास की गाड़ी पलटने के बाद तुरन्त उसको कवर कर लिए होंगे !इस हालात में विकास किस पुलिस की हथियार कैसे छीन लिया ,ऐसे अनगिनत सवाल चर्चा में है ।कानपुर हत्याकांड का आरोपी था विकास दूबे किन्तु उसके मौत ने कई राज पर पर्दा डाल दिया । मध्यप्रदेश पुलिस ने कानपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपी और 5 लाख के इनामी विकास दुबे को उज्जैन के महाकाल मंदिर से गिरफ्तार कर लिया था। विकास दुबे पर आठ पुलिसवालों की हत्या करने का आरोप है। पिछले कुछ दिनों से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए हरियाणा और दिल्ली में दबिश दे रही थी। यूपी पुलिस विकास दुबे के पांच साथियों को एनकाउंटर में ढेर कर चुकी है। वहीं कई साथियों को गिरफ्तार कर चुकी है। विकास दुबे के दो और साथी प्रभात मिश्रा व बउआ दुबे गुरुवार सुबह पुलिस मुठभेड़ में मारे गए।
अगर विकास दूबे सुरक्षित न्यायालय पहुंच जाता तो कई सफेदपोश नेताओं के डर्टी पॉलिटिक्स वाले राज खुलते क्योंकि अभी एक वायरल वीडियो में हमने देखा भी की कैसे वो बहुजन समाज पार्टी और उनकी सुप्रीमों मायावती को अपना खासमखास बता रहा था ।खैर योगी आदित्यनाथ जी भी कम खिलाड़ी नहीं है ,उनके ब्राह्मणवाद के विरोध की खीज अब जग जाहिर होने लगी है , और आगामी चुनावों में इसका असर भाजपा पर पड़ने वाला है क्योंकि बहन जी इसी ताक में है कि कब ब्राह्मण वर्ग योगी जी का असली चेहरा पहचाने और मायावती जी ब्राह्मणों को लपक ले । आपको योगी जी के बारे में कुछ बताते है , ये पूरी कहानी सोसल मीडिया से संकलित है जिसमें कहा गया कि योगी गोरखपुर के गोरक्षपीठ के महंत बने , जहां कई दशकों से योगी के ‘मठ’और ‘हाता’ यानि कि हरिशंकर तिवारी एंड एसोसिएट्स के खिलाफ जंग चल रही है । या ये कहें कि ब्राह्मणों और ठाकुरों के बीच की वर्चस्व की जंग।ये जंग तब शुरू हुई जब योगी के गुरु महंत अवैद्यनाथ के गुरु दिग्विजयनाथ ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी के कुलपति आईएएस अफसर सूरतमणिराम त्रिपाठी का अपमान कर दिया और यूनिवर्सिटी के एक दबंग छात्र हरिशंकर तिवारी ने इसका बदला लेते हुए दिग्विजयनाथ का।इसके बाद हरिशंकर तिवारी को मारने की कोशिश हुई तो वो उसने मरता क्या न करता हथियार उठा लिए और जंग शुरू हो गई।इस जंग में अजीत सिंह,बलवंत सिंह,रवींद्र सिंह, मृत्युंजय तिवारी,वीरेंद्र शाही जैसे पता नहीं कितने लोग मारे गए।चूंकि मठ को पॉलिटिकल पावर मिला था हरिशंकर भी 9 हत्यायों के आरोप के बाद जेल से चुनाव में उतरे और बीस साल लगातार तक मंत्री रहे।।सरकार किसी की भी हो और बाहुबल में मठ पर भारी ही रहे।यही नहीं यूपी में अपराधिकरण का बहुत हद तक उन्हें जिम्मेदार माना जाता है और वो बाहुबलियों के पितामह माने जाते हैं।गैंगस्टर एक्ट बना ही हरिशंकर तिवारी के लिए था।श्रीप्रकाश तिवारी जैसे अपराधी तिवारी ने ही पैदा किये(देखें रंगबाज़ वेब सीरीज)।आज हरिशंकर तिवारी अपने ही एक चेले से दो चुनाव हार घर बैठे हैं हालांकि उनका एक बेटा अभी भी विधायक है ,एक सांसद रह चुका जबकि भांजा विधान परिषद का अध्यक्ष रह चुका है।वहीं योगी सीएम हैं।योगी ने सीएम बनते ही सबसे पहले हरिशंकर तिवारी से बदला लेने की कोशिश की।तिवारी के घर मे पुलिस घुसेड़ दी।ये कहकर कि उनके घर मे कुछ वांटेड अपराधी छिपे हैं लेकिन जल्दबाजी में योगी और उनकी पुलिस से चूक हो गयी।जिन अपराधियों को पकड़ने के लिए तिवारी के किलेनुमा घर में छापा डाला गया उनमें कई पहले से जेल में बंद थे।इसका खुलासा हुआ तो गोरखपुर में तिवारी के समर्थक सड़क पर उतर पड़े और ‘बम बम शंकर’जय हरिशंकर के साथ योगी नहीं शिखण्डी है के नारे गूंज उठे।आरोप लगे कि योगी सीएम बनते ही अपने ब्राह्मणद्रोह को प्रकट करने लगे हैं। यही आरोप अब योगी पर कानपुर मुठभेड़ कांड के बाद लग रहे हैं।इसमे कोई शक नही कि विकास दुबे एक दरिंदा था।लेकिन उससे भी कई बड़े दरिंदे आज भी खुलेआम घूम रहे हैं और उनकी धौंस बरकरार है ।वो ‘दुबे’ था इसलिए योगी की पुलिस के निशाने पर था।पुलिस ने बहुत पहले उसका डेथ वारंट निकाल दिया था। मौके की तलाश में थी और ये उसके रिश्तेदार ने ही दे दिया। पारिवारिक जमीन के विवाद में उसके खिलाफ रिपोर्ट आई तो पुलिस ने फटफट स्क्रिप्ट तैयार की कि वो उसे पकड़ने जाएगी,वो फायरिंग कर भागने की कोशिश करेगा और जवाबी कार्यवाई में मारा जाएगा।लेकिन ये पता विकास को भी था कि पुलिस ने उसे मारने की पटकथा पहले से ही तैयार कर रखी है । ____ पंकज कुमार मिश्रा 8808113709