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आओ मिलकर करेंगे योग

आओ मिलकर करेंगे योग,

मिट जाएंगे सारे रोग ।

सारी दुनिया जिसे करेगी ,

आया ऐसा शुभ संयोग ।।

आओ मिलकर करेंगे योग …

चुस्ती फुर्ती मुस्कान रहेगी

योग करोगे जीवन में ,

नहीं बुढ़ापा कभी आएगा

काया होगी यौवन में ।

निडर निर्भीक बनेगा यारों

कभी न होगा वह डरपोक ।

आओ मिलकर करेंगे……।।

अनमोल खजाना है यारों

समझ नहीं कोई है पाया ,

योगासन से बन जाती है

सुडौल सुन्दर ये काया ।

पच जाएगा भोजन सारा

करोगे यारों जो उपभोग ।

आओ मिलकर करेंगे ….।।

स्वस्थ रखेगा तन मन को

धर्म जाति से नहीं जोड़ना ,

भाई चारा बने सदा ही

ऐसी वाणी हमे बोलना ।

योगासन को करने यारों

चल पड़े हैं सारे लोग ।

आओ मिलकर करेंगे….।।

जीने की कला है योगासन 

योगासन से है अनुशासन ,

पहचान बनेगी दुनिया में

खुशियों से भरा होगा जीवन ।

करना है यारों योग सभी को

मैं करता हूं अनुरोध ।

आओ मिलकर करेंगे….।।

__***__

स्वरचित

     भेरूसिंह चौहान” तरंग”

संक्षिप्त परिचय:-

     ______

नाम : भेरूसिंह चौहान”तरंग”

शिक्षा : एम. कॉम.

सम्प्रति : शिक्षक (सेवा निवृत)

विधा : गीत, ग़ज़ल ,कविता,

          कहानी,आलेख,समीक्षा

उपलब्धि :राष्ट्रीय स्तर की पत्र

               पत्रिकाओं में प्रकाशित

               रचनाएं । जिलाध्यक्ष (अखिल भारतीय साहित्य परिषद  ) , ज़िला संयोजक पाठक मंच केंद्र ( साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद )

पता : ४ रोहिदास मार्ग ,झाबुआ

         ज़िला झाबुआ (म.प्र.)

          ४५७६६१

मो.नंबर : ७७७३८६९८५८

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