आओ मिलकर करेंगे योग,
मिट जाएंगे सारे रोग ।
सारी दुनिया जिसे करेगी ,
आया ऐसा शुभ संयोग ।।
आओ मिलकर करेंगे योग …
चुस्ती फुर्ती मुस्कान रहेगी
योग करोगे जीवन में ,
नहीं बुढ़ापा कभी आएगा
काया होगी यौवन में ।
निडर निर्भीक बनेगा यारों
कभी न होगा वह डरपोक ।
आओ मिलकर करेंगे……।।
अनमोल खजाना है यारों
समझ नहीं कोई है पाया ,
योगासन से बन जाती है
सुडौल सुन्दर ये काया ।
पच जाएगा भोजन सारा
करोगे यारों जो उपभोग ।
आओ मिलकर करेंगे ….।।
स्वस्थ रखेगा तन मन को
धर्म जाति से नहीं जोड़ना ,
भाई चारा बने सदा ही
ऐसी वाणी हमे बोलना ।
योगासन को करने यारों
चल पड़े हैं सारे लोग ।
आओ मिलकर करेंगे….।।
जीने की कला है योगासन
योगासन से है अनुशासन ,
पहचान बनेगी दुनिया में
खुशियों से भरा होगा जीवन ।
करना है यारों योग सभी को
मैं करता हूं अनुरोध ।
आओ मिलकर करेंगे….।।
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स्वरचित
भेरूसिंह चौहान” तरंग”
संक्षिप्त परिचय:-
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नाम : भेरूसिंह चौहान”तरंग”
शिक्षा : एम. कॉम.
सम्प्रति : शिक्षक (सेवा निवृत)
विधा : गीत, ग़ज़ल ,कविता,
कहानी,आलेख,समीक्षा
उपलब्धि :राष्ट्रीय स्तर की पत्र
पत्रिकाओं में प्रकाशित
रचनाएं । जिलाध्यक्ष (अखिल भारतीय साहित्य परिषद ) , ज़िला संयोजक पाठक मंच केंद्र ( साहित्य अकादमी मध्य प्रदेश संस्कृति परिषद )
पता : ४ रोहिदास मार्ग ,झाबुआ
ज़िला झाबुआ (म.प्र.)
४५७६६१
मो.नंबर : ७७७३८६९८५८